Famous Moradabadi Dal: शाहजहाँ के बेटे को बहुत पसंद थी दाल मुरादाबादी, आप भी खाएंगे तो चाट जायेंगे प्लेट
Famous Moradabadi Dal History: उत्तर प्रदेश के पश्चिम में बसा मुरादाबाद शहर अपने दो चीज़ों के लिए खासा प्रसिद्ध है। पहला है यहाँ की पीतल के बर्तन और दूसरा मोरादाबादी दाल या मोरादाबादी मूंग दाल की चाट। प्रसिद्ध मोरादाबादी दाल मूंग दाल से बनाया जाता है और इसको परोसने का तरीका सामान्य से बहुत अलग होता है। यह मुरादाबाद का एक बहुत ही लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है।
Famous Moradabadi Dal History: मुरादाबादी दाल उत्तर प्रदेश के पीतल नगरी के नाम से मशहूर शहर मुरादाबाद की खासियत है। इसे इतना चटपटा बनाया जाता है कि कई लोग इसे मुरादाबादी दाल चाट भी कहते हैं। इस व्यंजन ने अपने विशिष्ट स्वाद और एक अलग तैयारी शैली के कारण लोकप्रियता हासिल की है। हालाँकि अब यह भारत के भी विभिन्न हिस्सों में भी बहुत प्रसिद्ध हो गयी है। अब न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि राजधानी दिल्ली और देश के हिस्सों में शादी और अन्य समारोहों में मुरादाबादी दाल का एक स्टॉल देखा जा सकता है।
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उत्तर प्रदेश के पश्चिम में बसा मुरादाबाद शहर अपने दो चीज़ों के लिए खासा प्रसिद्ध है। पहला है यहाँ की पीतल के बर्तन और दूसरा मोरादाबादी दाल या मोरादाबादी मूंग दाल की चाट। प्रसिद्ध मोरादाबादी दाल मूंग दाल से बनाया जाता है और इसको परोसने का तरीका सामान्य से बहुत अलग होता है। यह मुरादाबाद का एक बहुत ही लोकप्रिय स्ट्रीट फूड है। यहाँ पर सुबह से ही आपको यह दाल बेचते हुए तमाम फ़ूड स्टॉल दिख जायेंगे। इसे लोग आमतौर पर सुबह और शाम ज्यादा कहते हैं। इसे अब कई चीज़ों के साथ परोसा जाता है। मुरादाबादी दाल ना सिर्फ यहाँ के लोगों बल्कि यहां आने वालों का भी पसंदीदा नाश्ता है।
कैसे नाम पड़ा मुरादाबादी दाल
आपको बता दें कि इस शहर का नाम मुग़ल बादशाह शाहजहां के बेटे मुराद बक्श के नाम पर रखा गया है। प्रिंस मुराद खाने पीने के शौक़ीन थे। उन्हें बाकी चीज़ों के अलावा दाल भी बहुत पसंद था। दाल में कुछ अलग तरीके से परोसने के लिए उनके रसोइए ने मुंग दाल की एक अलग डिश बनायीं जो मुराद को बहुत पसंद आयी। उसके बाद से ही इसका नाम दाल मुरादाबादी पड़ गया। तब से यह दाल इस शहर और आसपास के इलाके में न केवल नाश्ते के रूप में लोकप्रिय है, बल्कि समारोहों में भी स्टार्टर के रूप में परोसी जाती है।
कैसे बनती है मुरादाबादी दाल
मुरादाबादी दाल को बनाने से पहले मूंग दाल को कम से कम 10 घंटे तक भिगोया जाता है। उसके बाद मूंग दाल को नमक और हल्दी के साथ उबाल लिया जाता है। उसके बाद उबले हुए दाल को एक पीतल के बर्तन में धीमी आंच पर पकाया जाता है। बन जाने के परोसते समय इसमें ऊपर से मक्खन, मसाले, और कई तरह की टॉपिंग डाली जाती है। ऊपर से कटे हुए टमाटर, कटी हुई हरी मिर्च, अदरक, ताजा धनिया, काला नमक, भुनी और कुटी हुई लाल मिर्च, चाट मसाला, भुना जीरा पाउडर, कसा हुआ पनीर, कद्दूकस की हुई मूली, हरी चटनी और नींबू का रस मिलाया जाता है।
इस दाल की खास बात यह है कि आप इसे बिना रोटी, चावल के भी खा सकते हैं। हालांकि अब कई जगहों पर इस दाल के साथ समोसा, पाव, रुमाली रोटी आदि परोसी जा रही है। आपको बता दें कि मुरादाबादी दाल या मुरादाबादी दाल चाट न केवल स्वादिष्ट होती है बल्कि सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद होती है। चुकी इसको धूलि हुई मूंग दाल से बनाया जाता है इसलिए इसका कोई साइड इफ़ेक्ट भी नहीं होता है।