Kuber Bhandari Temple: धनतेरस-दिवाली पर भगवान कुबेर के इस मंदिर दर्शन मात्र से भरते हैं भंडारे, भक्तों की लगती लंबी कतारें

Kuber Bhandari Temple: कुबेर भंडारी मंदिर है। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्ची भावना से कुबेर भंडारी मंदिर में धनतेरस या दिवाली के दिन दर्शन करने जाता है वो खाली हाथ नहीं लौटता है।

Report :  Vidushi Mishra
Update:2022-10-16 15:40 IST

Kuber Temple: भारत में स्थित एक ऐसे मंदिर के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिसके चर्चे सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हैं। इस मंदिर का नाम कुबेर भंडारी मंदिर है। इस मंदिर के बारे में ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्ची भावना से कुबेर भंडारी मंदिर में धनतेरस या दिवाली के दिन दर्शन करने जाता है वो खाली हाथ नहीं लौटता है। कुबेर भगवान का ये मंदिर गुजरात के वडोदरा में है। यहां पर धनतेरस और दिवाली दिन देश-विदेश से भक्त दर्शन करने आते है। इन दो दिनों में इस मंदिर में भीड़ देखने वाली होती है।

कुबेर भंडारी मंदिर गुजरात के वडोदरा में है। बताया जाता है कि इस मंदिर का निर्माण करीबन 25 सौ साल पहले हुआ था। नर्मदा नदी के किनारे स्थित इस मंदिर के निर्माण को लेकर ऐसा बताया जाता है कि इस धन्वंतरि मंदिर का निर्माण भगवान शिव ने किया था।

कुबेर भंडारी मंदिर की पौराणिक कथा

कुबेर भंडारी मंदिर के इतिहास को लेकर पौराणिक कथा है कि एक बार भगवान शिव और माता पार्वती पैदल यात्रा पर निकली थी। तभी यात्रा के दौरान मां पार्वती को भूख लगी और उन्होंने भगवान शिव से आग्रह किया कि उन्हें भोजन और पानी चाहिए। बहुत देर भगवान शिव ने कई जगह देखा, पर भोजन नहीं मिला। तो भगवान शिव नर्मदा नदी के किनारे रूक गए। 

उसके बाद से ही उस जगह पर मंदिर का निर्माण हुआ। तभी से इस मंदिर का नाम कुबेर यानी भोजन-धन देने वाले मंदिर के रूप में होने लगा। तब से ही इस मंदिर की बहुत मान्यता है। कुबेर भगवान के दिवाली के दिन पूजा अर्चना करने का विधान है। इस वजह से धनतेरस और दिवाली के दिन भगवान कुबेर मंदिर में बहुत भीड़ होती है।

इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि धनतेरस या दिवाली के दिन इस मंदिर के परिसर से लाई हुई मिट्टी को तिजोरी में रखना चाहिए। जिससे घर में मां लक्ष्मी का निवास हमेशा बना रहता है। 


Tags:    

Similar News