Uttarakhand Famous Shiv Mandir: अपरंपार है भगवान शिव के इस मंदिर की महिमा, जहां खड़े हो उठते हैं मुर्दे
Uttarakhand Famous Shiv Mandir: सभी मनोकामना को पूरा करने वाले भगवान शिव की महिमा तो जगत विख्यात है। जो मृत को भी जीवित कर दें वो भगवान शिव की कृपा का पात्र कौन नहीं होना चाहेगा।
Uttarakhand Famous Shiv Mandir: भगवान शिव की महिमा के बारे में तो सभी जानते हैं, एक बार जिसने भगवान शिव को मना लिया उसे उनके कृपा का पात्र होने से कोई नहीं रोक सकता। भोले नाथ की कृपा पाने के लिए लोग कई व्रत करते है, यज्ञ करते हैं तपस्या करते हैं, और करें भी क्यों न सभी मनोकामना को पूरा करने वाले भगवान शिव की महिमा तो जगत विख्यात है। जो मृत को भी जीवित कर दें वो भगवान शिव की कृपा का पात्र कौन नहीं होना चाहेगा। अपने भक्तों की भक्ति देखकर तो विधाता भी अपने लेख बदल लेते हैं। उत्तराखंड में एक ऐसा ही शिव शंकर का मंदिर बना हुआ है जहां मृत व्यक्ति भी जीवित हो उठते हैं।
अपरंपार है भगवान शिव की महिमा
अनोखा है भगवान शिव का यह मंदिर
कहते हैं कि विधि का विधान कोई नहीं पलट सकता है, एक बार जिसकी मृत्यू हो जाती है वह लौटकर कभी नहीं आता। लेकिन भगवान देहरादून से कुछ किमी दूरी पर स्थित लाखामंडल में स्थित भगवान शिव के मंदिर में मृतों को भी जीवन मिलता है। कहते हैं कि जो भी इस मंदिर में पूजा करता है उसे हर पाप से मुक्ति मिल जाती है।
लाखामंडल में स्थित है मंदिर
लाखामंडल में स्थित यह मंदिर द्वापर युग के समय से बताया जाता है। कहते हैं कि पांडवों को मारने के लिए दुर्योधन ने यहीं पर लाक्षाग्र का निर्माण किया था। यहां पर स्थित शिवलिंग पांडू पूत्र युधिष्ठर द्वारा स्थापित बताई जाती है।
शिवलिंग की रक्षा करते हैं द्वारपाल
इस मंदिर में स्थित शिवलिंग की रक्षा करने के लिए द्वारपाल हमेशा मौजूद रहते हैं। दरअसल यहां शिवलिंग के सामने गो द्वारपास की मूर्ति भी बनी हुई है, जो पश्चिम दिशा की ओर मुंह करते खड़े हैं। कहते हैं कि यदि मृत शरीर को इन द्वारपालों के सामने रख दिया जाए और पुजारी जल छिड़क दे तो मृत देह में भी जान पड़ जाती है। हालांकि कुछ समय बाद उस व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है।
कुछ ही समय के लिए जीवित होता है व्यक्ति
यहां मृत इंसान को जीवन मिल जरूर जाता है लेकिन कुछ समय बाद उस व्यक्ति की फिर से मृत्यु हो जाती है। यहां मृत भी उठकर भगवान का नाम लेने लगता है, लेकिन पवित्र जल लेने के बाद आत्मा फिर से शरीर छोड़कर चली जाती है। कहते हैं कि इस मंदिर में सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है कि जो स्त्री पूत्र की कामना रखती है वह स्त्री यदि शिवरात्रि के दिन यदि शिवालय का दीपक देखकर शिव मंत्र का जाप करती है तो उसे सालभर में पुत्र की प्राप्ति होती है।