Lucknow Dilkusha Kothi: बेहद ही शानदार है लखनऊ की दिलकुशा कोठी, आखिर क्यों लोग इसे कहते हैं भूतिया घर

Lucknow Dilkusha Kothi: दिलकुशा कोठी जिसे इंग्लिश हाउस और विलायती कोठी के नाम भी जाना जाता है। यह कोठी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित है, जो सालों पहले शानदार कोठी हुआ करती थी

Report :  Kajal Sharma
Update:2023-03-02 07:37 IST

Lucknow Dilkusha Kothi Ka Itihas: उत्तर प्रदेश में घूमने की कई जगहें हैं, जहां जाना लोगों के अक्सर काफी पसंद आता है। यहां कई ऐसी ऐतिहासिक जगहें भी हैं, जिनकी खूबसूरती लोगों को काफी पसंद भी आती है। लेकिन कई जगहें ऐसी भी जिनका इतिहास काफी रहस्यमयी भी है, और लोगों को भी यह काफी हैरान करते हैं। ऐसी ही एक जगह है दिलकुशा कोठी जिसे इंग्लिश हाउस और विलायती कोठी के नाम भी जाना जाता है। यह कोठी उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित है, जो सालों पहले शानदार कोठी हुआ करती थी, लेकिन आज यह खंडहर में तब्दील हो गई है, और आज यह टूरिस्ट प्लेस के रूप में जाना जाता है।

क्यों खास है दिलकुशा कोठी

बेहद ही सुंदर और शानदार तरीके से बनाई गई यह कोठी में सीटन डेलावल हॉल के डिजाइन काफी चौंकाने वाले हैं। जिसे सर जॉन वानब्रुग द्वारा डिजाइन किया गया था। प्रभावशाली दिलकुशा कोठी अंग्रेजी बारीक शैली की उत्कृष्ट कृति है, जो इस संरचना को एक उत्तम दर्जे का एहसास देती है। शुरुआत में यहां एक तहखाना भी हुआ करता था, जो पारंपरिक वास्तुकला की तुलना में एक भव्य संरचना कहा जाता था। इस शानदार कोठी में प्रवेश सीढ़ियों पर एक श्रृंखला के माध्यम से एक केंद्रीय द्वार की ओर जाता था, जो पोर्टिको के नीचे था, जो दूसरी मंजिल की छत तक पहुंचने वाले स्तंभों द्वारा समर्थित था।


अवध के नवाब ने करवाया था निर्माण

दिलकुशा कोठी का निर्माण अवध के आखिरी नवाब सआदत अली खान ने साल 1797 से 1814 के बीच करवाया था। जिसे नवाबों के ब्रिटिश रेजिडेंट गोर अउजली ने तैयार किया था। सालों पहली बनी यह शानदार कोठी बनाने के लिए लखौरी ईंटों का इस्तेमाल किया गया था। इस शानदार दिलकुशा कोठी को देखने के लिए आज बड़ी संख्या में देश-विदेश से लोग आते हैं और नवाबों के इस इतिहास को जानने में रूचि दिखाते हैं।


दिलकुशा कोठी को लेकर अफवाह भी

सालों पुरानी इस कोठी को लेकर लोगों में काफी अफवाह भी फैली हुई है। कई जगहों पर लोग इस जगह को भूतिया घर भी कहते हैं। कई लोगों ने इस तरह की बात भी कही है कि रात होते ही यहां पर अजीब अवाजें सुनाई देने लगती हैं। तो कुछ लोगों का यह भी कहना है कि रात के समय यहां पर सफेद कुर्ता पजामा और पगड़ी में एक लंबा सा व्यक्ति दिखाई देता है, लेकिन टॉर्च मारने पर वह गायब हो जाता है।

लोगों के इन दावों की जब जांच पड़ताल की गई तो यह सभी बातें महज अफवाह निकली, जिनका हकीकत से कोई लेना-देना नहीं है। तो ज्यादातर लोगों का भी यही कहना है कि उन्होंने यह सब बातें सिर्फ सुनी हैं, लेकिन अपनी आंखों से कुछ नहीं देखा। तो यदि आप भी दिलकुशा कोठी में घुमने का विचार कर रहे हैं, तो आप भी बेहिचक यहां घूमने के लिए आ सकते हैं।


क्या है टिकट प्राइज़

दिलकुशा कोठी में घूमने के लिए आप सुबह 9 बजे जा सकते हैं और शाम 6 बजे तक आप यहां भरपूर आनंद उठा सकते हैं। इस कोठी में घूमने के लिए आपको किसी तरह का कोई टिकट लेने की जरूरत भी नहीं होगी। यानी फ्री में आप इस दिलकुशा कोठी का आनंद ले सकते हैं।

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