Mansarovar Lake Mystery: रहस्यों से भरी एक झील, जहां है शिव का घर, वीडियो में देखें कैलाश मानसरोवर के बारे में बड़ी जानकारी
Mansarovar Lake Mystery Video: यह झील पहाड़ों से घिरी झील है, जिसे पुराणों में 'क्षीर सागर' कहा गया है। यह झील सभी तरफ़ से पर्वतों से घिरी हुई है ।बता दें कि कैलाश पर्वत 22,028 फीट ऊंचा एक पिरामिड है।;
Mansarovar Lake Mystery Video: भारत देश में वैसे तो अनेकों झीलें हैं। पर एक ऐसी भी झील हैं जो अनेक रहस्यों से भरी हैं ।हम बात कर रहे हैं मानसरोवर झील की । जो कैलाश पर्वत के नीचे बहती हैं।कहा जाता है कि कैलाश पर्वत पर स्वयं शिव जी विराजमान हैं। इस वजह से भी यह झील अपने आप में अनेक रहस्यों को समेटे हुए है ।इस झील की सबसे अनोखी बात यह हैं कि इसका उद्गम हज़ारों वर्ष पहले महासागर से हुआ है । पर आज इस झील का स्वाद मीठा है ।यह समुद्रतल से लगभग 4556 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।इतनी ऊँचायी पर होने के बाद भी इस झील का पानी मीठा है। यह 320 वर्ग फीट के क्षेत्र में फैली हुई है। कहा जाता है कि इस झील का आकार सूर्य के समान है ।
मानसरोवर शब्द संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है, मन जिसका अर्थ है मन और सरोवर जिसका अर्थ है झील। हिंदू किंवदंतियों के अनुसार, मानसरोवर झील पहले भगवान ब्रह्मा (सृष्टि के देवता) के दिमाग में प्रकट हुई थी और बाद में पृथ्वी पर बनाई गई थी। बौद्ध साहित्य के अनुसार, मानसरोवर झील वह स्थान है जहाँ रानी माया- भगवान बुद्ध की माँ ने स्नान किया और फिर भगवान बुद्ध को जन्म दिया।
यह झील पहाड़ों से घिरी झील है, जिसे पुराणों में 'क्षीर सागर' कहा गया है ।यह झील सभी तरफ़ से पर्वतों से घिरी हुई है ।बता दें कि कैलाश पर्वत 22,028 फीट ऊंचा एक पिरामिड है। ये पूरे साल बर्फ की सफेद चादर में लिपटा रहता है। मान्यता है कि यह पर्वत स्वयंभू है। साथ ही हैरान करने वाली बात यह है कि यह पर्वत उतना ही पुराना है जितनी हमारी सृष्टि। प्रतिवर्ष कैलाश पर्वत की यात्रा करने वाले दर्शनार्थी इस झील से होकर गुजरते हैं ।कुछ इतिहासकारों के मुताबिक़ यह झील सबसे अद्भुत है ।
यह बौद्ध धर्म, जैन धर्म, हिंदू धर्म और बॉन के तिब्बती धर्म के प्रबल अनुयायियों के लिए 'आध्यात्मिक संतुष्टि सूत्रधार' के रूप में विश्व स्तर पर प्रसिद्ध है।तिब्बत की सबसे पवित्र झील और इसे दुनिया की सबसे ऊंची ताजे पानी की झील भी माना जाता है।मानसरोवर झील को तिब्बत में मेफम युम्त्सो झील कहा जाता है।तिब्बती भाषा में मानसरोवर झील का अर्थ 'अजेय झील' होता है ।
हिंदूओं की मान्यताओं के अनुसार यह झील सबसे पवित्र और पापों को धुलने वाली है। क्यूँकि इस झील का निर्माण स्वयं ब्रह्मा ने कराया था।साथ ही, यह मीठे पानी की झील धूप के करीब आते ही अपना रंग बदलती हुई दिखाई देती है। इससे कुछ दूरी पर ही एक और झील है जिसे राक्षस ताल के नाम से जाना जाता है ।कहा जाता है इसी झील के पास रावण ने शिव जी की घोर तपस्या की थी। इसलिए इसे रावणताल भी कहा जाता है।एक ही ऊँचायी पर होने के बाद भी राक्षस ताल का पानी खारा वहीं मानसरोवर झील का पानी मीठा पाया जाता है जो कि अद्भुत है ।ये झील 225 वर्ग कि.मी. के क्षेत्र में फैली है ।और इसका आकार चंद्रमा के समान है। ये झील खारे पानी की सबसे उंची झील मानी जाती है।
ईशा फ़ाउंडेशन के सद्ग़ुरु योगी द्वारा मानसरोवर झील के बारे में अनेक किस्से भी साझा किए गए हैं ।उन्होंने बताया कि इस झील के आसपास एक अलग शक्ति महसूस होती है ।यहाँ ब्रह्म मुहूर्त (जो कि -3.30- 4.45 के बीच होता है ) में तपस्या करने पर आप परमात्मा को अपने आस पास महसूस कर सकते हैं ।पुराणों में भी कहा गया है कि ऋषि मुनि भी यहाँ आकर तपस्या करते थे और और उन्हें मोक्ष भी प्राप्त भी होता था ।
मानसरोवर झील की परिक्रमा पहले 105 किमी की होती थी । लेकिन अब ग्लोबल वार्मिंग के कारण यह लगभग 90 किमी तक कम हो गई है। वोल्वो श्रेणी की बसों द्वारा मानसरोवर झील की परिक्रमा पूरी करने में लगभग 3 घंटे का समय लगता है ।
मानसरोवर झील में डुबकी लगाने की अनुमति हमेशा चीनी अधिकारियों द्वारा दी जाती रही है। हालांकि, तिब्बती अधिकारियों ने कैलाश मानसरोवर यात्रा 2018 के शुरुआती महीनों में मानसरोवर झील में तीर्थयात्रियों द्वारा की जाने वाली गंदगी के कारण डुबकी लगाने पर सख्ती से प्रतिबंध लगा दिया था। अगर कोई नियम तोड़ता पाया गया तो चीनी अथॉरिटी करीब 5000 युआन का जुर्माना ले रही थी। तीर्थयात्रियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए, उन्होंने उस वर्ष सितंबर में मानसरोवर झील में डुबकी लगाना फिर से शुरू किया, साथ ही गंदगी न करने और सफाई का आश्वासन देने की कड़ी चेतावनी दी।
1.-मानसरोवर झील कैलाश पर्वत का सामना करते हुए ध्यान करने के लिए सबसे अच्छी जगह है।
2.-इस झील के समीप पल भर में तापमान बदलते हुए अनुभव किया गया है।
3.इस झील के आसपास का क्षेत्र मैदानी , सूखा , बर्फीला , और आस पास जल ये सभी एक साथ होने अपने आप में अद्भुत संगम है ।
4.वैज्ञानिकों के अनुसार, यह स्थान धरती का केंद्र है। धरती के एक ओर उत्तरी ध्रुव है, तो दूसरी ओर दक्षिणी ध्रुव। दोनों के बीचोबीच स्थित है हिमालय। हिमालय का केंद्र है कैलाश पर्वत और मानसरोवर। वैज्ञानिक मानते हैं कि भारतीय उपमहाद्वीप के चारों ओर पहले समुद्र होता था। इसके रशिया से टकराने से हिमालय का निर्माण हुआ। यह घटना अनुमानत: 10 करोड़ वर्ष पूर्व घटी थी।
5.-यह एक ऐसा भी केंद्र है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है। एक्सिस मुंडी अर्थात दुनिया की नाभि या आकाशीय ध्रुव और भौगोलिक ध्रुव का केंद्र। यह आकाश और पृथ्वी के बीच संबंध का एक बिंदु है, जहां दसों दिशाएं मिल जाती हैं। रशिया के वैज्ञानिकों के अनुसार, एक्सिस मुंडी वह स्थान है, जहां अलौकिक शक्ति का प्रवाह होता है और आप उन शक्तियों के साथ संपर्क कर सकते हैं।
6.-कैलाश पर्वत और उसके आसपास के वातावरण पर अध्ययन कर चुके रशिया के वैज्ञानिकों ने जब तिब्बत के मंदिरों में धर्मगुरुओं से मुलाकात की तो उन्होंने बताया कि कैलाश पर्वत के चारों ओर एक अलौकिक शक्ति का प्रवाह है जिसमें तपस्वी आज भी आध्यात्मिक गुरुओं के साथ टेलीपैथिक संपर्क करते हैं।
7-शाक्त ग्रंथ के अनुसार, देवी सती का दायां हाथ इसी स्थान पर गिरा था, जिससे यह झील तैयार हुई। इसलिए यहां एक पाषाण शिला को उसका रूप मानकर पूजा जाता है। इसलिए इसे 51 शक्तिपीठों में से एक माना गया है।
8.-ऐसा माना जाता है कि महाराज मांधाता ने मानसरोवर झील की खोज की और कई वर्षों तक इसके किनारे तपस्या की थी, जो कि इन पर्वतों की तलहटी में स्थित है।
9.-यहाँ गोल्ड माइनिंग भी देखी गयी है , इस झील के आस पास खनिज सम्पदा बहुत अधिक है ।जिन्हें चीनी सरकार द्वारा कभी भी बताया नहीं गया है ।
10-यहाँ पहुँचने में हर एक को एक अलग संदेश प्राप्त होता है।कहा जाता है कि यह संदेश सीधे शिव द्वारा दिया जाता है ।यहाँ आने के बाद अपने विचारों में बदलाव को महसूस किया जा सकता है ।
11.ये एक झील है फिर भी इसका आकार महासागर के समान प्रतीत होत है ।
12-इतनी ऊँचाई में मानसरोवर झील विश्व में सबसे बड़ी झील है।
13-यहाँ तप करने पर महसूस होता है ,कि यह पृथ्वी से अलग भाग है ।
14-यहाँ आज भी अनेक योगी हैं जो तप करते हैं पर उन्हें देखा नहीं जा सकता है ।कहा जाता है स्वयं शिव जी भी कुछ समय के लिए मानसरोवर पर आकर तपस्या करते हैं क्यूँकि यह तप करने का सबसे पवित्र स्थान माना गया है ।
15-मानसरोवर झील का पानी पीने से आप स्वस्थ और बीमारी से दूर रहते हैं। मानसरोवर झील की एक परिक्रमा से तीर्थयात्रियों को अनंत लाभ मिलते हैं।
16-कई विद्वानों के अनुसार इस झील के आसपास कुछ अलग जीवों को भी देखा गया है जो कि भू लोक से नहीं हैं ।