Mysterious Place in UP: भारत के रहस्यमी जगहों में से एक है उत्तर प्रदेश की ये जगह
Mysterious Place in Uttar Pradesh: दुनिया में ऐसे कई देश है जो रहस्यमी जगहों के कारण फेमस हैं। भारत के उत्तर प्रदेश में एक ऐसी जगह है जो अपने रहस्यमी कारणों से जानी जाती है।
Mysterious Place in Uttar Pradesh: दुनिया में ऐसे कई देश है जो रहस्यमी जगहों के कारण फेमस हैं। जिनमें से एक है भारत। भारत के उत्तर प्रदेश में एक ऐसी जगह है जो अपने रहस्यमी कारणों से जानी जाती है। इस जगह का नाम है गुरुत्वाकर्षण पैलेस हॉल, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ में स्थित है। इसका निर्माण 18वीं सदी में हुआ है।
दरअसल यह पैलेस बड़ा इमामबाड़ा महल अरबी और यूरोपीय वास्तुकला के मिश्रण से बना एक रहस्यमी जगह है। इस पैलेस की लंबाई करीब 50 मीटर से ज्यादा है। इसे रहस्यमी इसलिए माना जाता है क्योंकि इसमें एक भी स्तंभ नहीं है। यह एक रहस्यमी ऐतिहासिक स्थल है। आपको बता दें कि इमामबाड़ा भी लखनऊ के फेमस ऐतिहासिक स्थलों में से एक है, यह शहर की संस्कृति और समृद्ध विरासत का प्रतीक है। इमामबाड़ा का निर्माण साल 1784 ई. में अकाल राहत परियोजना के तहत अवध क्षेत्र के नवाब आसफ-उद-दौला द्वारा कराया गया था।
दरअसल इसे नवाब की कब्र के लिए आसफी इमामबाड़ा और भ्रामक रास्तों के कारण भूल-भुलैया भी कहा जाता है। गोमती नदी के किनारे स्थित बड़ा इमामबाड़ा की वास्तुकला से ठेठ मुगल शैली की झलक दिखाई देती है, जो पाकिस्तान में लाहौर की बादशाही मस्जिद से काफी मिलती जुलती है और इतना ही नहीं इसे दुनिया की सबसे बड़ी पाचंवी मस्जिद भी माना जाता है। इमामबाड़ा में अंदर जाने के लिए यहां 1000 से भी ज्यादा छोटे-छोटे रास्तों का जाल है, वहीं बाहर निकलने के लिए सिर्फ 2 रास्ते हैं। जिसके कारण यहां आकर अच्छे से अच्छा पर्यटक भी रास्ता भूल जाता है।
इमामबाड़े में बावड़ी स्थित है, जो पांच मंजिला सीढ़ीदार कुआं है। जिसे पूर्व में नवाबी युग की देन माना जाता है। यह बावड़ी भी गोमती नदी से जुड़ी हुई है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह ना तो पूरी तरह से मस्जिद है और ना ही मकबरा है। दरअसल इस पैलेस में कुल 3 विशाल कक्ष है और इनकी दीवारों के बीच छुपी हुई लंबी-लंबी गलियां हैं जो लगभग 20 फीट तक चौड़ी हैं।
वहीं बड़ा इमामबाड़ा की छत पर जाने के लिए 84 सीढ़ियां हैं जो ऐसे रास्तों से होकर जाती हैं जो किसी भी अनजान व्यक्ति को कन्फ्यूज कर दें, इसलिए इसे भूलभुलैया भी कहा जाता है। साथ ही इस भवन के झरोखे से आप इसमें प्रवेश करने वाले प्रत्येक व्यक्ति को देख सकते हैं जबकि वह व्यक्ति आपको बिल्कुल भी नहीं देख सकता है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसा झरोखा किसी भी भवन में आज तक नहीं बना है।