Narmada Nadi Ka Itihas: क्या आप जानते हैं क्यों उल्टी बहती है नर्मदा, जानें इसका वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व
Narmada Nadi Ka Itihas: गुजरात और मध्य प्रदेश की मुख्य नदी नर्मदा के धारा के विपरीत बहने के पीछे सबसे बड़ी वजह रिफ्ट वैली है।
Narmada Nadi Ka Itihas: भारत अपनी संस्कृति और धर्म के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। भारतीय संस्कृति विश्व भर में अपने ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के लिए मशहूर है। भारत में ताजमहल भी है जो सात अजूबों में से एक है, लेकिन क्या आप जानते हैं भारत में एक ऐसी नदी है जो उल्टी बहती है। चलिए जानते हैं उस नदी के बारे में। नर्मदा नदी, जिसे स्थानीय रूप से कही-कही रेवा नदी भी कहा जाता है, भारत की 5वीं व पश्चिम-दिशा में बहने वाली सबसे लम्बी नदी है। यह मध्य प्रदेश राज्य की भी सबसे बड़ी नदी है। नर्मदा मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में बहती है। इसे अपने जीवनदायी महत्व के लिए "मध्य प्रदेश और गुजरात की जीवनरेखा" भी कहा जाता है।
भारत में उल्टी बहने वाली नदी (Reverse Flowing River in India)
दरअसल भारत के गुजरात और मध्य प्रदेश की मुख्य नदी नर्मदा उल्टी बहती है। यह अपनी धारा के विपरीत पूर्व से पश्चिम की ओर बहती है और अरब सागर में जा कर गिरती है। यह मैखल पर्वत के अमरकंटक शिखर से निकलती है।
उल्टी क्यों बहती है नर्मदा
वैज्ञानिक की मानें तो नर्मदा नदी के उल्टा बहने का कारण केवल रिफ्ट वैली है। जिसका मतलब है कि नदी की ढलान विपरीत दिशा में है। जिस तरफ नदी की ढलान होती है, उसी दिशा में नदी का प्रवाह होता है इसी कारण यहां नर्मदा नदी उल्टी बहती है। इसीलिए नर्मदा नदी पूर्व से पश्चिम की तरफ बहती है। यह नदी मैखल पर्वत के अमरकंटक के शिखर से निकलती है।
क्या है धार्मिक कारण (What is The Religious Reason)
नर्मदा नदी के उल्टे बहने के पीछे धार्मिक मान्यता भी है। दरअसल पौराणिक कथा के अनुसार नर्मदा और शोण भद्र की शादी होने जा रही थी, लेकिन विवाह से कुछ देर पहले नर्मदा को पता चला की भद्र की उसकी दासी जुहिला को पसंद करता है। यह जाकर नर्मदा मंडप छोड़कर उल्टी दिशा में चली गईं साथ ही उन्होंने कुंवारी रहने का फैसला किया इसलिए नर्मदा को कुंवारी नदी भी कहा जाता है।