9 Devi Temples in India: नवरात्री में मां के नौ रूपों की महिमा अपार, आइए जानते हैं नौ दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में

9 Devi Temples in India: मां के शक्तिपीठ के बारे में तो लोग जानते हैं लेकिन नौ दुर्गा के मंदिरों में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं। आइए आपको नौ दुर्गा के मंदिर के बारे में बताते हैं।

Report :  Vidushi Mishra
Update:2022-09-27 11:10 IST

नौ दुर्गा (फोटो-सोशल मीडिया)

9 Devi Temples in India Navratri 2022: भारत में मां दुर्गा के नवरात्रों को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। जबकि अब तो विदेशों में भी कई हिंदू समुदाए नवरात्री का त्योहार बहुत उत्साह से मनाते हैं। नवरात्री में नौ दिन मां दुर्गा के नव स्वरूपों की पूजा की जाती है। नौ देवियों के मंदिर भारत में कहां-कहां पर हैं इस बारे में जानने का भक्तों को बहुत रूचि होती है, क्योंकि मां के शक्तिपीठ के बारे में तो लोग जानते हैं लेकिन नौ दुर्गा के मंदिरों में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं। आइए आपको नौ दुर्गा के मंदिर के बारे में बताते हैं।  

नौ दुर्गा के मंदिर

शैलपुत्री मंदिर, वाराणसी (नवरात्री का पहला दिन)

नवरात्रि के पहले दिन की शुरुआत मां शैलपुत्री देवी की पूजा से होती है। हिंदू धर्म के अनुसार, मां शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। हिमालय पर्वतों का राजा है। नवरात्री के पहले दिन, बड़ी संख्या में श्रद्धालु मरहिया घाट पर वाराणसी के शैलपुत्री मंदिर में जाते हैं।

ब्रह्मचारिणी मंदिर, वाराणसी (नवरात्री का दूसरा दिन)

नवरात्री के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी देवी की पूजा की जाती है। मां ब्रह्मचारिणी का मंदिर गंगा के घाटों पर स्थित है। वाराणसी में ब्रह्मेश्वर मंदिर और बालाजी घाट पर मां ब्रह्मेश्वर मंदिर का विशेष महत्व है।

चंद्रघंटा देवी मंदिर, वाराणसी (नवरात्री के तीसरे दिन)

नवरात्री के तीसरे दिन मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप चंद्रघंटा देवी की पूजा की जाती है। मां दुर्गा के इस रूप को उनकी तीसरी आंख खुली और एक योद्धा की भावना से देखा जाता है। साहस और वीरता की देवी चंद्रघंटा का मुख्य मंदिर भी वाराणसी में है।

कुष्मांडा मंदिर, कानपुर (नवरात्री का चौथा दिन)

नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा देवी की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि मां कुष्मांडा ने अपनी मुस्कान से दुनिया बनाई है। कुष्मांडा मंदिर कानपुर के घाटमपुर में है। ये मंदिर कानपुर के सबसे प्रमुख मंदिरों में से एक है।

स्कंदमाता मंदिर, वाराणसी (नवरात्री का पांचवा दिन)

नवरात्री के पांचवें दिन भक्त देवी स्कंदमाता की पूजा करते हैं। मां दुर्गा का पांचवां रूप, स्कंदमाता युद्ध के हिंदू देवता, कार्तिकेय की मां है। स्कंदमाता मंदिर भी वाराणसी के जैतपुरा क्षेत्र में स्थित है।

कात्यायनी मंदिर, कर्नाटक (नवरात्री का छठा दिन)

नवरात्री के छठे दिन मां कात्यायनी देवी को समर्पित है। मां के इस रूप के बारे में माना जाता है कि उनका जन्म देवताओं के क्रोध से हुआ था। ये देवी का क्रोध था जिसने राक्षस राजा महिषासुर को नष्ट कर दिया। कर्नाटक के अवेरसा में कात्यायनी बनेश्वर मंदिर भक्तों के बीच काफी प्रसिद्ध है। कात्यायनी देवी को समर्पित वृंदावन, कोल्हापुर, केरल और दिल्ली में अन्य मंदिर भी हैं।

कालरात्रि मंदिर, वाराणसी (नवरात्री का सातंवा दिन)

वाराणसी में कालरात्रि देवी मंदिर सबसे प्रसिद्ध दुर्गा मंदिरों में से एक है। कालरात्रि, जिन्हें मां काली के नाम से भी जाना जाता है, मां दुर्गा का सातवां रूप है।

महागौरी मंदिर, लुधियाना, पंजाब (नवरात्री का आठवां दिन)

महागौरी देवी दुर्गा का आठवां रूप है। मां महागौरी के हाथों में त्रिशूल, कमल और ढोल है। मां दुर्गा का वाराणसी में एक महागौरी मंदिर है, लुधियाना के शिमलापुर में भी एक बहुत लोकप्रिय है।

सिद्धिदात्री मंदिर, मध्य प्रदेश (नवरात्री का नौवा दिन)

मां दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री देवी हैं जो आत्मज्ञान का प्रतिनिधित्व करती हैं। सिद्धिदात्री के नाम का अर्थ है दिव्य शक्तियों का दाता, जो ज्ञान है। वाराणसी और देवपहाड़ी, छत्तीसगढ़ में सिद्धिदात्री के मंदिर हैं, लेकिन मध्य प्रदेश के सागर में सबसे प्रसिद्ध मंदिर है।

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