March Me Ghumane Ki Jagah: मार्च में किन जगह के करें सैर, होली के लिए कौन से जगह है फेमस यहां देखें...

March Me Ghumane Ki Jagah: अगर आप मार्च में घूमने का प्लान बना रहे है तो, हम आपके लिए कुछ खास जगहों की लिस्ट लेकर आए है। जो आपके घूमने के प्लान में काफी मददगार हो सकता है।

Written By :  Yachana Jaiswal
Update:2024-02-29 16:31 IST

Places to Visit in March (Pic Credit-Social Media)

March Me Ghumane Ki Jagah: फरवरी का महीना जाते- जाते, अपने साथ ठंड भी लेकर जाती है। मार्च का महीना ठंडी और गर्म हवाओं के मिश्रण के साथ नए मौसम आने का आगाज करता है। बसंत पंचमी के बाद हिंदूओं का महत्वपूर्ण और पवन त्योहार महाशिवरात्रि आने वाले है। जिससे 20 दिन बाद होली का त्योहार भी है। अगर आप मार्च में घूमने का प्लान बना रहे है तो, हम आपके लिए कुछ खास जगहों की लिस्ट लेकर आए है। जो आपके घूमने के प्लान में काफी मददगार हो सकता है। आपको मार्च के महीने में घूमने के लिए अच्छी जगह घूमने का सुझाव मिलेगा। हो सकता है आप अपने प्लान को वास्तविकता में जीवंत कर लें। 

चलिए जानते है मार्च महीने में घूमने के लिए खास जगह...

जयपुर, राजस्थान

गुलाबी शहर के नाम से प्रसिद्ध और अब यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल घोषित, जयपुर के ऐतिहासिक किले, राजसी महल और प्राचीन मंदिर इसे अरावली के मध्य में एक आदर्श शाही अवकाश बनाते हैं। राजस्थान में आपको इस महीने दिन में मध्यम धूप और ठंडी रातों के साथ सुहावना मौसम का अनुभव हो सकता है। आप राजस्थान में खूबसूरत किलों और महलों को देखना और सुरम्य बगीचों में दिन बिताना बहुत ही यादगार हो सकता है।


गोवा

भारत की पार्टी राजधानी के रूप में लोकप्रिय, गोवा अपने बोहो समुद्र तटों, प्राचीन चर्चों, राजसी किलों और अपराजेय नाइटलाइफ़ के साथ दुनिया भर के यात्रियों को लुभाता है। आपको गोवा में मार्च के महीने में, सुहावना मौसम, साफ़ आसमान और सुबह और शाम को ठंडी समुद्री हवा का बेहतरीन अनुभव मिलेगा। गोवा के बीच समुद्र तट पर दिन बिताना,पानी में खेलना और रात्रिजीवन यहां पर बहुत ही शानदार होती है।


ऋषिकेश उत्तराखंड

विश्व की योग राजधानी' के रूप में जाना जाने वाला, ऋषिकेश गंगा नदी के तट पर बसा एक शांत हिमालयी शहर है। यह अपने प्राचीन मंदिरों, हिप्पी कैफे और साहसी साहसिक खेलों के लिए प्रसिद्ध है। वर्तमान में यहां तुलनात्मक रूप से ठंडी शामों के साथ सुखद और धूप वाले दिन देखने को मिलेंगे।


पुरी भुवनेश्वर

भुवनेश्वर से लगभग 2 घंटे की दूरी पर, पुरी ओडिशा में बंगाल की खाड़ी के किनारे एक तटीय मंदिर शहर है। यह कोणार्क मंदिर और धबलेश्वर मंदिर जैसे पर्यटन स्थलों के करीब है। यहां वर्तमान समय में साफ आसमान के साथ सुहावना मौसम है। यहां आप प्रसिद्ध तीर्थ मंदिर घूमना, समुद्र तटों की खोज करना और पर्यटक आकर्षण के केंद्र देखने जैसे बहुत सारे काम कर सकते है।


ऊटी, तमिलनाडु 

आधिकारिक तौर पर ऊटाकामुंड कहा जाने वाला यह पहाड़ी शहर अपने उपनाम-ऊटी से ज्यादा जाना जाता है। इसके पहाड़ों, झीलों, बगीचों और झरनों के कारण इसे बॉलीवुड निर्देशकों, हनीमून मनाने वालों, परिवारों और यहां तक कि बैकपैकर्स द्वारा भी पसंद किया जाता है। प्रकृति की गोद में यहां आपको अद्वितीय नजारा देखने को मिलता है। मार्च के महीने में इस शहर की खूबसूरती देखते बनती है। वहां ठंडा और तेज़ हवा वाला मौसम है। आप यहां तमिल महोत्सव और सुंदर प्रकृति दृश्य का आनंद ले सकते है।


होली मनाने के लिए प्रसिद्ध जगह

वृंदावन

वृन्दावन, जिसे वृंदाबन और बृंदाबन भी कहा जाता है, उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले का एक ऐतिहासिक शहर है। ब्रज भूमि क्षेत्र में स्थित, यह धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान है, विशेष रूप से हिंदुओं के लिए क्योंकि भारतीय देवता भगवान कृष्ण ने अपने प्रारंभिक जीवन का अधिकांश समय यहीं बिताया था। वृन्दावन में लगभग 5,500 मंदिर हैं जो पूरी तरह से कृष्ण और उनकी प्रिय राधा को समर्पित हैं। होली के दौरान इस जगह का महत्व और भी बढ़ जाता है। यहां की होली विश्वव्यापी है। यहां फूलों से होली खेली जाती है और पूरे एक हफ्ते तक मनाया जाता है रंगों का उत्सव। आप यहां इस त्योहार को मनाने के साथ खाने-पिने का भी लुत्फ उठा सकते हैं। होली से एक हफ्ते पहले यहां पर 5 दिन अलग अलग तरह से होली खेली जाती है। आपको मार्च में खासकर होली का रंगमंच व धूम देखने उसमे शामिल होने मथुरा वृंदावन जरूर जाना चाहिए।


बरसाना मथुरा

मार्च में आप मथुरा भी आ सकते है, यहां बरसाना की लट्ठमार होली दुनियाभर में प्रसिद्ध है। यहां की होली राध-कृष्ण के प्रेम का प्रतीक मानी जाती है। हर साल यहां देश-विदेश से लोग होली सेलिब्रेट करने आते हैं। बरसाना में यह त्योहार तीन दिनों तक मनाया जाता है।


काशी, बनारस

मार्च में आप बनारस घूमने का भी प्लान बना सकते है। इसके दो कारण है।पहला शिवरात्रि दूसरा होली, क्योंकि काशी विश्वनाथ बाबा के धाम पर माथा टेकना बहुत खास होता है। वहीं, होली का त्योहार धार्मिक महत्व के साथ-साथ आपसी भाईचारे और सौहार्द का भी है। रंगों वाली होली के साथ-साथ चिता की राख से भी होली खेली जाती है। वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर शिव भक्त चिता की राख से होली खेलते हैं, जिसे मसान होली कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन भोलेनाथ महाश्मशान से अपने भक्तों को आशीर्वाद देते हैं। वे मणिकर्णिका पहुंचते हैं और गुलाल के साथ-साथ चिता भस्म से होली खेलते हैं। 


इंदौर की होली, मध्य प्रदेश 

इंदौर की रंगपंचमी विश्व में मशहूर है। यहां दूर-दूर से सैलानी इस पर्व का आनंद लेने आते हैं। इंदौर में रंगपंचमी उत्सव मनाने का अपना ही अंदाज है. इस अवसर पर फाग यात्रा या होली जुलूस निकाला जाता है जिसे 'गेर' कहा जाता है। यह होल्कर-युग की परंपरा है जिसमें देश भर से लोग इंदौर के ऐतिहासिक राजवाड़ा पहुंचते हैं और उत्सव में शामिल होते हैं। इस होली को देवताओं की होली भी कहा जाता है। यह पर्व होली के पांच दिन बाद मनाया जाता है। इस दिन कुछ जगहों पर जुलूस निकालने की भी परंपरा है।


उदयपुर, राजस्थान

शाही अंदाज में होली का जश्न देखने के लिए उदयपुर जरूर आएं। उदयपुर में होली एक शाही मामला है जिसमें शाही परिवार की भागीदारी शामिल होती है। उत्सव की शुरुआत होलिका दहन से होती है, जहां स्थानीय महाराज शाही महल के प्रांगण में औपचारिक अलाव जलाते हैं। इसे मेवाड़ होलिका दहन के नाम से जाना जाता है। इसके बाद, स्थानीय लोग अलाव के चारों ओर 'गैर' - एक लोक नृत्य करते हैं। उसके बाद, शंभू निवास पैलेस से एक शाही जुलूस निकलता है और मानेक चौक शाही निवास पर समाप्त होता है। परेड में शाही संगीत बैंड के साथ शाही लोग सजे-धजे हाथियों, घोड़ों और ऊंटों पर बैठे होते हैं। 



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