कैशलेस इकॉनमी: मोदी सरकार का नया प्लान, आपका 'आधार' बन सकता है डेबिट-क्रेडिट कार्ड

नोटबंदी के बाद देश में कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जगह आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम लाने की तैयारी में है।

Update: 2016-12-02 00:59 GMT

नई दिल्ली: नोटबंदी के बाद देश में कैशलेस इकॉनमी को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठा रही है। सरकार अब डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जगह आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएस) लाने की तैयारी में है।

क्या है योजना ?

यूनिक आइडेन्टिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (यूआईडीएआई) के डायरेक्‍टर जनरल अजय पांडे ने बताया कि आधार से जुड़े ट्रान्जैक्शन कार्ड-रहित और पिन-रहित होंगे। इसकी मदद से एंड्रॉयड मोबाइल फोन यूजर्स अपने आधार नंबर और फिंगरप्रिंट के जरिए डिजिटल ट्रान्जैक्शन कर सकेंगे।

डेबिट-क्रेडिट कार्ड से मिलेगा छुटकारा

किसी भी तरह की शॉपिंग या ट्रांजैक्शंस के लिए कस्टमर को अपने साथ क्रेडिट और डेबिट कार्ड रखने की जरूरत नहीं होगी। उसे सिर्फ अपना आधार नंबर बताना होगा। एप बेस्ड अथॉन्टिकेशन के साथ ही लेन-देन हो जाएगा। पैसा कस्टमर के अकाउंट से कारोबारी के अकाउंट में सीधा ट्रांसफर हो जाएगा।

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मोबाइल एप पर होगा सारा काम ?

-इस योजना के लिए सरकार एक मोबाइल फोन एप बनाने पर काम कर रही है।

-इसका इस्तेमाल करते हुए दुकानदार और कारोबारी आधार इनेबल्ड पेमेंट हासिल कर सकेंगे।

-इसके लिए मोबाइल हैंडसेट्स में आइरिस या थम्ब आइडेंटिफिकेशन की फैसिलिटी रहेगी।

-इस तरह से वह क्रेडिट, डेबिट कार्ड, पिन और पासवर्ड की प्रोसेस से बच जाएंगे।

क्या कहना है नीति आयोग का ?

नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने बताया की हम मोबाइल बनाने वाली कंपनियों से बात कर रहे हैं कि देश में जो भी मोबाइल फोन बनाए जा रहे हैं, उनमें इरिस या अंगूठे के जरिए पहचान वाला सिस्टम जुड़ा हो जिससे आधार कार्ड के जरिए ट्रान्जैक्शन को कामयाब बनाया जा सके।

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