रवि शंकर प्रसाद ने कहा- जमीन खरीदने का नोटबंदी से लेना-देना नहीं

केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने विपक्षी दलों के उन सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया जिनमें कहा गया कि बीजेपी ने नोटबंदी से पहले ब्लैक मनी के ज़रिये देश के अलग -अलग हिस्सों में जमीन के सौदे किए। पार्टी की ओर से कहा गया कि देश के अलग -अलग हिस्सों में सिर्फ पार्टी कार्यालय खोलने के लिए जमीन खरीदी गई है।

Update: 2016-11-25 18:47 GMT

नई दिल्ली : केंद्र की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी ने विपक्षी दलों के उन सभी आरोपों को सिरे से नकार दिया जिनमें कहा गया कि बीजेपी ने नोटबंदी से पहले ब्लैक मनी के ज़रिये देश के अलग -अलग हिस्सों में जमीन के सौदे किए। पार्टी की ओर से कहा गया कि देश के अलग -अलग हिस्सों में सिर्फ पार्टी कार्यालय खोलने के लिए जमीन खरीदी गई है।

पार्टी का पक्ष रखते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “यह आरोप लगाना बेतुका है कि पार्टी ने नोटबंदी को ध्यान में रखकर संपत्तियां खरीदनी शुरू कर दी थी।”

प्रसाद ने 5 जुलाई, 2015 को बेंगलुरू में आयोजित महासंपर्क अभियान में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के उस बयान की भी याद किया जिसमें उन्होंने कहा था कि देश भर में पार्टी कार्यालय खोले जाने की आवश्यकता है।

प्रसाद ने कहा, “हमने पार्टी कार्यालय बनाने का काम शुरू किया है। बिना अच्छे कार्यालय के पार्टी के काम का किसी जिले में विस्तार नहीं हो सकता। इसलिए हमने तय किया है कि दिसंबर 2016 तक देश के प्रत्येक सांगठनिक जिले में एक नए पार्टी कार्यालय का निर्माण कर लेंगे।”

प्रसाद ने कहा, “अपने विस्तार कार्यक्रम के हिस्से के रूप में पार्टी अध्यक्ष ने इसके लिए धन जुटाने और पार्टी कार्यालय स्थापित करने का भी अनुरोध किया था। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से उदारता के साथ चंदा देने का आग्रह भी किया था। पार्टी और पार्टी कार्यकर्ता इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पिछले 16 महीनों से अथक प्रयास कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि यह कहना निर्थक है कि पार्टी द्वारा जमीनी स्तर पर अपने विस्तार के लिए अपने नियमित और निर्धारित एजेंडे के हिस्से के रूप में किए गए कार्य का नौ नवंबर से प्रभाव में आए नोटबंदी अभियान से कोई लेना-देना है।

क्या हैं बीजेपी पर आरोप ?

कांग्रेस के साथ ही जदयु और राजद ने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने 8 नवंबर को घोषित नोटबंदी के पहले बिहार के 25 जिलों में जमीन खरीदी थी। आरोपों के मुताबिक बीजेपी ने सहरसा, पटना, मधुबनी, कटिहार, मधेपुरा, लखीसराय, किशनगंज में 250 वर्ग फुट से लेकर तक़रीबन आधा एकड़ तक जमीन खरीदी है। जिनकी कीमत 8 लाख रुपये से 1.16 करोड़ रुपये के बीच है।

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