#Budget 2019: अगले 5 साल में 1 लाख डिजिटल गांवों बनेंगे, मिलेंगी ये खास सुविधाएं
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को मोदी सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर रहे हैं। इस दौरान किसानों के लिए तोहफे दिए। उन्होंने डिजिटल इंडिया पर बोलते हुए कहा कि आज भारत में सबसे ज्यादा मोबाइल डाटा यूजर्स हैं और साथ ही भारत में सबसे सस्ता इंटरनेट मिल रहा है।
नई दिल्ली: वित्त मंत्री पीयूष गोयल आज यानि शुक्रवार को मोदी सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट पेश कर रहे हैं। इस दौरान किसानों के लिए तोहफे दिए। उन्होंने डिजिटल इंडिया पर बोलते हुए कहा कि आज भारत में सबसे ज्यादा मोबाइल डाटा यूजर्स हैं और साथ ही भारत में सबसे सस्ता इंटरनेट मिल रहा है। वहीं उन्होंने कहा कि अगले 5 सालों में भारत के 1 लाख गांवों को डिजिटल गांव बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भारत में ग्लोबल मैन्युफैक्चिंग हब बनेगा और सरकार इसमें सहयोग करेगी।
इसके तहत इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स, ऑटो मोबाइल पार्ट्स के निर्माण में सरकार की ओर सहयोग मिलेगा और पार्ट्स मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत तैयार होंगे। तो आइए जानते हैं क्या होता है डिजिटल गांव और इसे क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं। पीयूष गोयल ने बताया कि मेक इन इंडिया के तहत भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग प्लांट की संख्या 268 पहुंच गई है जो पहले सिर्फ 2 थीं।
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मिलेंगी ये सुविधाएं?
सबसे पहले आपको बता दें कि डिजिटल गांव का सीधा मतलब, एक ऐसे गांव से है जहां सभी आधुनिक सुविधाएं मिलें। उदाहरण के तौर पर उस गांव में एटीएम हो, इंटरनेट की सुविधा हो, गांव के दुकानों पर डेबिट कार्ड और डिजिटल वॉलेट से भुगतान करने की सुविधा हो। डिजिटल गांव स्कीम के तहत सरकार ऐसे गांवों में मिनी बैंक, मिनी एटीएम, होटल बुकिंग और मोबाइल व डीटीएच रिचार्ज जैसी सुविधाएं देती हैं। डिजिटल गांव स्कीम के तहत गांवों में मोबाइल वाई-फाई, हॉट-स्पॉट मिलता है।
डिजिटल विलेज स्कीम के तहत गांव के किसानों को मौसम की तत्काल जानकारी दी जाती है। साथ ही किसानों को इंटरनेट और वीडियो के माध्यम से खेती की विधि बताई जाती है और ऑनलाइन बैंकिंग सुविधाएं दी जाती हैं। इसके अलावा गांवों में पूरी रात रौशनी का इंतजाम किया जाएगा।
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