दिल्ली: भ्रम फैलाने वाले एड (विज्ञापन) को लेकर एक विधेयक तैयार किया जा रहा है। इस तरह के ऐड में जो भी सेलिब्रेटीज रहेगी उनकी जवाबदेही होगी उस पर जो सही गलत होगा बोलने की। इस तरह की जवाबदेही के लिए नए मसौदा विधेयक पर मंगलवार को विचार होने की संभावना है। इसके तहत जो भी सेलिब्रेटीज ऐड के द्वारा भ्रम फैलाने या गुमराह करने की कोशिश करती है। उसे 50 लाख रूपये जुर्माने और 5 साल की जेल की सजा हो सकती है।
सेलिब्रिटी को भी सजा
खबरों के अनुसार फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली की इस विधेयक को लेकर मंगलवार को मीटिंग कर सकते हैं। विधेयक को मंजूरी के लिए कैबिनेट में लाने से पहले कंज्यूरम फोरम द्वारा सुझाए गए प्रस्तावों पर भी विचार किया जाएगा।
इस मीटिंग में अरुण जेटली के अलावा उपभोक्ता मामलों के मंत्री रामविलास पासवान, हेल्थ मिनिस्टर मंत्री जे पी नड्डा, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद, बिजली मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी हैं।
2-5 साल की सजा,50 लाख तक का जुर्माना
खबरों के अनुसार मंत्रालय ने ऐसे विज्ञापनों से निपटने के लिए कड़े प्रावधानों के साथ उस पर जवाबदेही तय करने का प्रस्ताव भी दिया है। पहली बार 10 लाख रूपये का जुर्माना और 2 साल की सजा का प्रस्ताव होगा तो वहीं अगर कोई सेलिब्रिटी या एंबेडसर दूसरी बार वहीं गलती दोहराता है तो उसे 50 लाख रूपये तक का जुर्माना या 5 साल की सजा हो सकती है।
साल 2015 में पेश किया था विधेयक
केंद्र साल 2015 के अगस्त में उपभोक्ता संरक्षण विधेयक 2015, लोकसभा में पेश किया था ताकि 30 साल पुराने उपभोक्ता संरक्षण कानून को हटाया जा सके। संसद की स्थायी समिति ने अपनी सिफारिशें अप्रैल में सौंप दीं. समिति की रपट का अध्ययन करने के बाद उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कुछ प्रमुख सिफारिशों को स्वीकार किया जिनमें सेलिब्रिटी की जवाबदेही तय करना और मिलावट के लिए कड़ी सजा देने का प्रावधान है।
मिलावट करने वालों की खैर नहीं
खबरों के अनुसार इस विधेयक के प्रारुप पर उपभोक्ता सहित सभी मंत्रालयों की सहमति मिल गई है। सबने गुमराह करने वाले विज्ञापन पर सेलिब्रिटी और मिलावट करने वालों पर जुर्माना के साथ अन्य प्रावधानों पर भी कोई आपत्ति नहीं जताई है। मिलावट करने वालों के जुर्माने के साथ लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है।