मिसाइल रक्षा कवच से होगी दिल्ली की सुरक्षा, वॉशिंगटन और मॉस्को है लैस

Update:2018-07-29 11:33 IST

नई दिल्ली: राजधानी को मिसाइलों के रक्षा कवच से लैस करने की तैयारी है। पुराने एयर डिफेंस सिस्टम को रिप्लेस कर इस व्यवस्था को लागू किया जाएगा। इसके अलावा 'वीआईपी नो फ्लाई जोन' और गलत मंशा से आने वाले प्लेनों को गिराने की व्यवस्था को रीकन्फिगर किया जाएगा। डिफेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद की ओर से नेशनल अडवांस्ड सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम-2 के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है।

ये है पूरा मामला

भारत धीरे-धीरे राजधानी दिल्ली को सैन्य और 9/11 जैसे किसी आतंकी हमले से अभेद्य बनाने में जुटा है ताकि एयरक्राफ्ट, मिसाइल और ड्रोन्स से अटैक न किया जा सके। इसके लिए चल रहे प्रयासों के तहत राजधानी को मिसाइलों के रक्षा कवच से लैस करने की तैयारी है। सूत्रों के मुताबिक डिफेंस मिनिस्टर निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद की ओर से नेशनल अडवांस्ड सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम-2 के अधिग्रहण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। अमेरिका से इसे 1 अरब डॉलर की लागत से खरीदा जाएगा। इसके साथ ही ओवरऑल दिल्ली एरिया एयर डिफेंस प्लान के तहत नई दिल्ली में 'VIP-89 एरिया' को दोबारा गठित करने पर भी बात चल रही है। इसमें राष्ट्रपति भवन, संसद, नॉर्थ और साउथ ब्लॉक जैसे राष्ट्रीय महत्व के प्रतिष्ठान शामिल हैं।

सुरक्षा घेरे को भेद पाना होगा मुश्किल

नेशनल अडवांस्ड सर्फेस-टू-एयर मिसाइल सिस्टम में तीन दिशाओं वाले सेंटिनल रेडार, शॉर्ट और मीडियम रेंज मिसाइलें, लॉन्चर्स, फायर डिस्ट्रिब्यूशन सेंटर्स और कमांड ऐंड कंट्रोल यूनिट्स शामिल होंगे। इनके जरिए कई मोर्चों पर आने वाले हवाई खतरों को एक साथ तेजी से डिटेक्ट किया जा सकेगा, ट्रैक किया जा सकेगा और गिराया जा सकेगा। अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन का भी एयर डिफेंस सिस्टम कुछ इसी तरह का है।

 

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