इटली में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़ कर हुई 247, मलबा बन गए आशियाने
भूकंप करीब 20 सेकंड तक महसूस किया गया। इसके बाद 200 आफ्टर शॉक्स आए। इनमें से कुछ 5.2 तीव्रता वाले थे। पेस्कारा देल रोंतो गांव मलबे में तब्दील हो गया है। वहीं, एक्यूमोली, एमाट्रिस, इन लाजियो, पेस्कारा देल रोंतो, इन मार्श और आरक्वाटा दे ट्रोन्टो करीब-करीब आधे बर्बाद हो गए है।
रोम: इटली में बुधवार को आए 6.2 तीव्रता वाले भूकंप से मरने वालों की संक्या बढ़ कर 247 हो गई है। कई लोग अब भी लापता हैं। रात भर लोगों को मलबे से निकालने का काम जारी रहा। बता दें सेंट्रल इटली के 6 शहर बुरी तरह प्रभावित हैं। कई छोटे कस्बों में अभी राहत नहीं पहुंची है। 17 घंटे बाद मलबे से 10 साल की एक लड़की को जिंदा निकाला गया। ये घटना पेस्कारा देल रोंतो कस्बे की है, जो मलबे में तब्दील हो गया है।
राहत जारी
-पेस्कारा देल रोंतो कस्बे में रेस्क्यू में जुटी टीम ने जैसे ही देखा कि मलबे में दबी लड़की जिंदा है। इसके बाद तुरंत टीम उसे निकालने में जुट गई। हैरान करने वाली बात ये है कि उसे कोई चोट नहीं आई।
-रेस्क्यू टाम के एक सदस्य ने कहा कि मलबे से लड़की का जिंदा निकलना खुशी की बात है, वो भी तब जब पूरा का पूरा कस्बा ही साफ हो गया हो।
-इटली के सिटीजन सिक्युरिटी डिपार्टमेंट के मुताबिक जगह-जगह मलबा दिखाई दे रहा है। लोगों ने राहत कैम्प, घर के बाहर और सड़कों पर रात गुजारी।
-अभी कुछ इलाकों में राहत नहीं पहुंच पाई है। एक महिला ने कहा कि हम पूरी रात घर के बाहर बैठे रहे। मुझे नहीं पता कि मेरी फैमिली के लोग कहां हैं।
खौफनाक मंजर
-आर्मी, एल्पाइन क्रू, फायरफाइटर्स, रेड क्रॉस क्रू और कई वॉलंटियर्स की टीमें राहत और बचाव में बुधवार की सुबह भूकंप आया था।
-भूकंप करीब 20 सेकंड तक महसूस किया गया। इसके बाद 200 आफ्टर शॉक्स आए। इनमें से कुछ 5.2 तीव्रता वाले थे।
-पेस्कारा देल रोंतो गांव मलबे में तब्दील हो गया है। वहीं, एक्यूमोली, एमाट्रिस, इन लाजियो, पेस्कारा देल रोंतो, इन मार्श और आरक्वाटा दे ट्रोन्टो करीब-करीब आधे बर्बाद हो गए है।
-यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, इसका एपिसेंटर पेरुगिया प्रॉविंस के उम्ब्रिया शहर के पास 10 किमी जमीन के नीचे था।
-यहां 28 दिसंबर 1908 को सदर्न इटली और सिसली में 7.1 तीव्रता का भूकंप आया था। इसमें 80 हजार लोग मारे गए थे।
भूकंप आते ही चारों ओर चीख-पुकार मची हुई है ख़बरों की मानें तो भूकंप के खटके महसूस होते ही लोग अपने-अपने घरों के बाहर भागने लगे।
किसी को अपने बच्चों की चिंता लगी हुई, तो किसी को अपने पेरेंट्स की इस कदर हो-हल्ला मचा कि किसी को समझ नहीं आया कि आखिर हो क्या रहा है?
कुछ लोग टूटे हुए अपने आशियाने को देखकर फूट-फूट कर रो रहे हैं, तो कोई मलबों में दबे अपनों को ढूंढने की कोशिश कर रहा है। बच्चे अपनी मां के साए में छुपकर बैठे हुए हैं। सोने के वक्त भूकंप आने के कारण कुछ लोग कंबल सहित भागे।
जैसे ही भूकंप की तीव्रता कुछ कम हुई, तुरंत राहत कार्य शुरू हो गया। जिसमें मलबे में दबे लोगों को बाहर निकला जा रहा है। अब तक 10 लोगों के मरने की खबर है जबकि कई लोग अभी भी मलबे में ही दबे पड़े हैं।
हर किसीकी आंखों में दहशत दिखाई पड़ रही है। वहीं कुछ लोग बाहर रहने वालों को अपने हाल-खबर की जानकारी देने की कोशिश कर रहे हैं।
हादसे में घायल लोगों को तुरंत इलाज उपलब्ध कराया जा रहा है और हर संभव मदद की जा रही है।
सभी फोटो सौजन्य : डेली मेल