मोहन को आजाद देख फूलकली हुई खुश, FREEDOM लिखा झंडा हिलाकर किया स्वागत

Update: 2016-09-22 22:49 GMT

मथुराः ट्रक का पिछला हिस्सा खुला। उसमें से शाही शान से मोहन उतरने लगा। उसे देख फूलकली जैसे खुशी से उछल पड़ी। उसने तुरंत उठा लिया 'फ्रीडम' लिखा झंडा और जोर-जोर से लहराने लगी। ये नजारा गुरुवार को हाथी संरक्षण केंद्र पर दिखा। हाथी मोहन का स्वागत हथिनी फूलकली ने ऐसे ही किया। बता दें कि मोहन को दुनिया का सबसे बदनसीब हाथी माना जाता है। उसे 50 साल से लखनऊ में कैद रखा गया था। जहां उससे भीख मंगवाने और शादी-ब्याह के मौके पर किराए पर दिया जाता था।

दो साल की कानूनी जंग लड़ी

वन्यजीवों के संरक्षण के लिए काम करने वाले वाइल्ड लाइफ एसओएस ने दो साल की कानूनी लड़ाई के बाद मोहन को मुक्त कराया है। अब वह अपनी बाकी जिंदगी आराम से चुरमुरा के हाथी संरक्षण केंद्र में गुजारेगा। बता दें कि यहां देशभर से पालतू हाथी लाकर रखे जाते हैं। फूलकली भी एक सर्कस में थी। वहां से उसे मुक्त कराया गया था।

साथी राजू ने भी जताई खुशी

मोहन को देखकर राजू नाम का हाथी भी उत्साह में था। उसने कई बार चिंघाड़ लगाई। बता दें कि राजू और मोहन एक ही मालिक के यहां बंधक थे। इन दोनों को बचपन से ही इनकी मां से बिछुड़ना पड़ा था। राजू को साल 2014 में पहले ही संगठन ने मुक्त करा लिया था। मोहन इस वक्त 55 साल का है। मालिक उसे खाना भी ठीक से नहीं देता था। इस वजह से वह हड्डियों का ढांच रह गया है। शरीर पर उसके चोट के भी कई निशान हैं।

केंद्र में पहले से हैं 22 हाथी

संस्था की ओर से बताया गया है कि हाथी संरक्षण केंद्र में मोहन का नंबर 23 है। उससे पहले संस्था 22 नर और मादा हाथियों को उनके मालिकों के कब्जे से मुक्त करा चुकी है। मोहन को अब भरपेट खाना भी मिलेगा और वक्त बिताने के लिए संगी-साथियों का साथ भी। इसके अलावा उसकी डॉक्टरी मदद भी बेहतर तरीके से हो सकेगी।

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