ऐसे खरीदें हेलीकॉप्टर: बस दिखाना होगा ये पेपर, होंगे इसके मालिक

आज कल जैसे-जैसे टाइम बदल रहा है, वैसे ही लोगों की इच्छाएं बढ़ती ही जा रही हैं। लोगों की इच्छाओं पर किसी का काबू नहीं होता है।

Update:2020-03-08 11:42 IST
ऐसे खरीदें हेलीकॉप्टर: बस दिखाना होगा ये पेपर, होंगे इसके मालिक

नई दिल्ली: आज कल जैसे-जैसे टाइम बदल रहा है, वैसे ही लोगों की इच्छाएं बढ़ती ही जा रही हैं। लोगों की इच्छाओं पर किसी का काबू नहीं होता है। लोग शौक में न जानें क्या क्या खरीद लेतें हैं। घर, गाड़ी लेना हो तो कैसे ले इसका तरीका पता है लेकिन अगर आपका मान हेलिकाप्टर लेने का किया तो आप क्या करेंगे। तो आज हम आपको बताते हैं कि आप हेलिकाप्टर कैसे खरीदेंगे।

एक हेलीकाप्टर का मालिक होना का मुख्य लाभ स्वतंत्रता है। एक बार आपके पास अनुमति और कुछ स्थान हो, तो आप किसी भी गंतव्य के लिए अपना पाठ्यक्रम निर्धारित कर सकते हैं। जो एक कार में असंभव है।

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हेलीकॉप्टर की कीमत

आपको बता दें कि रॉबिंसन R-22 हेलीकॉप्टर की कीमत लगभग 250,000 US डॉलर है जिसे भारतीय रूपये में 1,71,23,750 रुपया बनता है। इसे दुनिया का सबसे किफायती हैलीकॉप्टर माना जाता है। R-22 की सस्ते परिचालन लागत होने की वजह से, इसे अक्सर प्रशिक्षण हेलीकॉप्टर के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। ये दो सीट वाला हेलीकॉप्टर होता है।

अब आपको बताते हैं दूसरे हेलीकॉप्टर की, जो पांच सीटों वाला होता है। उसे बेल बी 206 जेटरेंजर सैन्य सेवाओं और नागरिकों दोनों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, ये बहुत ही लोकप्रिय हेलीकॉप्टर है। जिसकी कीमत 700,000 US डॉलर और भारतीय रूपये के हिसाब से 4,79,11,500 रुपये में मिलता है। इसी तरह के बहुत से हैलीकॉप्टर के मॉडल आपको अलग-अलग कीमत पर आसानी से मिल सकते हैं लेकिन याद रहे उनकी कीमत करोड़ में ही होती है।

हेलीकॉप्टर खरीदने से पहले रखें इन बातों का ध्यान-

भारत में हेलीकॉप्टर के मालिक को अपने पायलट को 40000 से 150000 का सैलरी देते हैं और कभी भी उनके वेतन में गिरावट नहीं हुई है।

हेलीकॉप्टर के मालिक को प्रति उड़ान 40000 से 70000 का भुगतान करना होगा, जो आमतौर पर उनके लैंडिंग चार्ज को छोड़कर दूरी पर निर्भर करता है। IGI हवाई अड्डे पर उतरने के लिए नई दिल्ली चार्ज 30000 INR प्रति लैंडिंग लेकिन छोटे हवाई अड्डे का चार्ज कम।

हेलीकॉप्टर के मालिक को MRO (अनुरक्षण मरम्मत ओवरहाल) संगठन की ओर चयन करना चाहिए। भारत में विभिन्न संगठन संचालित हैं, वे मालिक को सेवा केंद्र के साथ मिलकर काम करते हैं और हवाई यातायात को बनाए रखने में मदद करते हैं, वे इसके लिए शुल्क लेते हैं। एक मालिक अपने हेलिकॉप्टर के रखरखाव पर सालाना 10 से 15 लाख रुपये खर्च करता है।

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आवश्यक कागजात

हेलीकॉप्टर की खरीदारी और पंजीकरण के लिए आपको DGCA से उचित अनुमति की आवश्यकता होगी। आपको ये सबूत पेश करने की जरूरत है कि केवल एक योग्य पायलट ही इसे उड़ाएगा और इसे उचित आवधि तक रख रखाव प्राप्त होगा।

सबसे पहले भारत सरकार के नागरिक उड्डयन महानिदेशालय के कार वेबसाइट में दिए गए आवेदन कर गृह मंत्रालय के NOC के लिए आवेदन करें। यदि ये एक कंपनी है तो सभी निदेशक मंडल को सुरक्षा प्रदान करनी होगी।

अगर आपके पास IEC कोड है तो आयात परमिट के लिए सीमा शुल्क पर फिर से आवेदन करें DGCA की मदद से आवेदन करना होगा। फिर आयात के 28 प्रतिशत शुल्क के बाद विमान की पहचान करें।

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