रिसर्च में खुलासा, जानिए पूजा में इस्तेमाल होने वाली अगरबत्ती से जुड़ी बात

Update: 2018-02-12 03:51 GMT

जयपुर:ज्यादातर भारतीय घरों में पूजा-पाठ के लिए धूपबत्ती या अगरबत्ती का इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसे जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। लेकिन एक रिसर्च में पता चला है कि धूपबत्ती या अगरबत्ती का धुआं सिगरेट के धुएं से भी ज्यादा खतरनाक है। इसमें पाए जाने वाले पॉलीएरोमैटिक हाइड्रोकार्बन अस्थमा, कैंसर, सरदर्द और खांसी जैसी बीमारियों का कारण बन सकते है। इससे सांस की समस्याओं के साथ कई और समस्याएं हो सकती है।

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हार्ट अटैक इसके धुएं में लगातार सांस लेने से दिल की कोशिकाएं सिकुड़ने लगती है। लगातार ऐसा होने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

अस्थमा की समस्या इसमें मौजूद नाइट्रोजन और सल्फर डाईऑक्साइड गैस सेहत के लिए हानिकारक होती है। इससे सांस लेने में तकलीफ के साथ अस्थमा की समस्या भी हो सकती है।

आंखों के लिए हानिकारक धुएं में मौजूद हानिकारक केमिलक आंखों में खुजली, जलन और स्किन एलर्जी का कारण बन सकते है। इसके धुएं के कारण आंखों की रोशनी खराब होने का डर भी रहता है।

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फेफड़े के रोग अगरबत्ती के धुएं से निकलने वाली कार्बनमोनो ऑक्साइड शरीर में जाकर फेफड़ों को नुकसान पहुंचाती है। इसके वजह से फेफड़ों के रोग के साथ जुकाम और कफ की समस्या भी हो जाती है।

श्वसन कैंसर का खतरा ज्यादा समय तक इसका धुआं शरीर में जाने से श्वसन कैंसर का खतरा बढ़ता है। धूम्रपान के साथ-साथ अगरबत्ती का धुआं भी इस कैंसर के खतरे को बढ़ाता है।

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