पर्यटकों के स्वागत के लिए खुल गया कतर्नियाघाट अभ्यारण्य, उठाएं आप भी लुत्फ

Update: 2017-11-15 04:07 GMT

बहराइच: गुलाबी सर्द हवा के बीच धूप सेंकते घड़ियाल, कुलांचे भरते हिरन व उछलकूद करती डॉल्फिन जैसे दुर्लभ प्राकृतिक रोमांच का एक साथ नजारा देखना है तो कतर्नियाघाट अभ्यारण्य आइए। कारण कतर्नियाघाट आभरण्य बुधवार (15 नवंबर) को पर्यटकों के लिए खुल गया। सैलानियों को लुभाने के लिए इको पर्यटन व वन महकमे ने इस साल खास तैयारियां की है। पर्यटक भी जंगल सफारी का लुत्फ उठाने के लिए उत्साहित हैं। सूखी गेरुआ नदी में भी पानी आ गया है। इससे पर्यटक बोटिंग का लुत्फ उठा सकेंगे। गेरुआ नदी के तट पर बने थारू हट व सेमल के पेड़ों पर बने दो ट्री हट में बैठ चाय-कॉफी की चुस्की लेते हुए प्राकृतिक विविधता के रोमांच का आनंद उठाया जा सकता है।

551 वर्ग किलोमीटर में फैले कतर्नियाघाट सेंच्युरी में बाघ, तेंदुए, हिरन, हाथी, चीतल, बारहसिंघा व अन्य दुर्लभ वन्यजीव विहार करते हैं। लेकिन बरसात के मौसम में जंगल की पगडंडियां क्षतिग्रस्त होने और वन्यजीवों के हमले की आशंका बढ़ने के मद्देनजर पर्यटकों के आगमन पर रोक लगा दी जाती है। 15 जुलाई से 14 नवंबर तक वन्यजीव विहार में पर्यटकों का प्रवेश वर्जित रहता है। ऐसे में पर्यटकों के स्वागत के लिए कतर्नियाघाट सेंच्युरी में तैयारी पूरी हो चुकी है।

थारूहट व ट्री हट होंगे आकर्षण का केंद्र

इस बार कतर्नियाघाट पहुंचने वाले पर्यटक कतर्निया रेंज में गेरुआ नदी के तट पर बने 4 थारू हट व दो ट्री हट का लुत्फ ले सकेंगे। इसके अलावा ककरहा रेंज में पांच स्विस कॉटेज भी सैलानियों के स्वागत को तैयार है। मोतीपुर और ककरहा रेंज में इको टूरिज्म के रूप में विकसित विश्राम भवन के अलावा वातानुकूलित थारूहट, 16 बेड के डबल स्टोरी डारमेट्री में ठहरेंगे। यहां आधुनिक शौंचालय और कैंटीन की सुविधा मिलेगी। मनपसंद व्यंजन का आनंद लिया जा सकता है।

प्रभागीय वनाधिकारी जीपी सिंह ने बताया कि इको टूरिज्म के लिए नए सिरे से निर्मित भवनों के अलावा ककरहा, मोतीपुर, निशानगाड़ा, धर्मापुर, मुर्तिहा और कतर्नियाघाट गेस्ट हाउस में भी पर्यटक ठहर सकेंगे। कतर्नियाघाट के सभी थारूहट पर्यटकों के लिए बुक किए जाएंगे। कतर्नियाघाट सेंच्युरी में बने विश्रामालय और थारुहटों में ठहरने के लिए यूपी इको टूरिज्म विभाग की बेवसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग करानी होगी।

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