बनारस- जाम और गंदगी वाला शहर,मोदी के विकास मॉडल पर पर्यटन मंत्री का करारा ‘तमाचा’

Update: 2018-06-05 14:32 GMT
बनारस- जाम और गंदगी वाला शहर,मोदी के विकास मॉडल पर पर्यटन मंत्री का करारा ‘तमाचा’

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और योगी सरकार बनारस को चमकाने में दिन-रात एक किए हुए है। आगामी चुनाव में बनारस को विकास का मॉडल के तौर पर पेश करने की तैयारी चल रही है। लेकिन सरकार के ही एक मंत्री ने विकास के सभी दावों की पोल खोल दी। अपने दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री केजे अल्फोंस ने पीएम के संसदीय क्षेत्र को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 4 साल के कार्यकाल में वाराणसी में हुए विकास कार्यों और स्वच्छता पर ही प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि वाराणसी में हालत बेहद खराब है। ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त है और स्वच्छता की स्थिति भी अच्छी नहीं है। गंदगी चारों और फैली है जिसकी वजह से सैलानी कम हो रहे हैं।

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गंगा प्रदूषण पर दिया बेतुका बयान

यही नहीं गंगा में हो रहे प्रदूषण पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने बेतुका बयान दिया। गंगा की वर्तमान हालत के बारे में पूछा जाने पर उनका कहना था कि गंगा की हालत गंभीर है। हमने गंभीर चर्चा की है। तीन सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट पर काम चल रहा है और हमें भरोसा है कि चीजें बेहतर होंगी। केंद्रीय पर्यटन मंत्री ने कहा कि गंगा में दूध चढ़ाने और फूल माला फेंकने से भी प्रदूषण बढ़ रहा है। इसे रोकने की जिम्मेदारी आम लोगों की है।

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विकास कार्यों का लिया जायजा

इसके पहले उन्होंने अधिकारियों के साथ बनारस में पर्यटन की दृष्टि से चल रहे तमाम विकास कार्यों का जायजा लिया। रामनगर सारनाथ समेत गंगा घाटों व अन्य जगहों पर जाकर स्थलीय निरीक्षण भी किया।अधिकारियों व टूरिस्ट गाइड व ट्रैवलर्स के साथ मीटिंग के बाद उन्होंने कहा कि अभी वाराणसी के सारनाथ में पांच लाख सैलानी आ रहे हैं जो बहुत कम है। हमारी कोशिश है कि अगले दो सालों में ये संख्या बढ़कर दस लाख के ऊपर पहुंचे। केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री ने उत्तर प्रदेश में पर्यटन की दृष्टि से अलग-अलग धार्मिक सर्किट पर चल रहे कामों के बाबत बताया कि उत्तर प्रदेश में 6 स्वदेश दर्शन के तहत प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें रामायण सर्किट, बुद्धा सर्किट, जैन सर्किट के अलावा तीन अन्य हैं जिनका कार्य दिसंबर तक पूरा कर दिया जाएगा।

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