नई दिल्ली: बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की पत्नी कमला आडवाणी का दिल का दौरा पड़ने से बुधवार शाम को निधन हो गया। बुधवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल पहुंचने पर बताया गया कि कमला आडवाणी अब इस दुनिया में नहीं रहीं।
कमला आडवाणी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें जो उनके व्यक्तित्व को दर्शाता है। साथ ही यह भी बताता है कि वो किस तरह लालकृष्ण आडवाणी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलती रहीं।
हर मौके पर आडवाणी के साथ थीं कमला
-भाजपा के शिखर पुरुष लालकृष्ण आडवाणी के लिए पत्नी कमला आडवाणी कई मामलों में भाग्यशाली थीं।
-वो उनके साथ हर मौके पर खड़ी रहीं।
-आडवाणी की ही तरह कमला के माता-पिता भी विभाजन के बाद कराची से भारत आए थे।
-विभाजन की त्रासदी के उन संघर्षपूर्ण दिनों का कमला ने अपने परिवार के साथ बड़ी हिम्मत से मुकाबला किया था।
-17 साल तक उन्होंने दिल्ली और मुंबई के जीपीओ (मुख्य डाकघर) में नौकरी की।
बहुत जल्द संभाली सारी जिम्मेदारी
-25 फरवरी, 1965 को कमला का विवाह लालकृष्ण आडवाणी से हुआ था।
-आडवाणी परिवार के करीबी बताते हैं कि विवाह के बाद आडवाणी दंपत्ति में इतनी अच्छी समझदारी बनी कि जल्दी ही कमला ने पूरे परिवार की कमान संभाल ली।
-कमला ने रसोई से लेकर घर के पूरे कामकाज तक की जिम्मेदारी उठा ली।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक से अपना सार्वजनिक जीवन शुरू करने वाले लालकृष्ण आडवाणी राजनीति और सत्ता की सीढ़ियां चढ़ते हुए देश के गृहमंत्री और उप प्रधानमंत्री बने। इस दौरान घर में सुई से लेकर हर जरूरत कहां से कैसे पूरी होगी इसका इंतजाम कमला जी के जिम्मे ही था।
घर की 'गृहमंत्री' कमला ही थीं
-एनडीए सरकार के दौरान मजाक में आडवाणी कहते थे, 'मैं जरूर देश का गृहमंत्री हूं लेकिन मेरे घर में कमला ही गृह मंत्री हैं।'
-आडवाणी परिवार की दोनों संतानें जयंत और प्रतिभा पर भी मां कमला का ज्यादा प्रभाव दिखता है।
-वजह साफ है कि जब आडवाणी रेल और जेल में अपना राजनीतिक सफर पूरा कर रहे थे तब कमला ही घर और बच्चों को संभालती थीं।
-हालांकि बेटी प्रतिभा का झुकाव पिता की तरफ खासा रहा है लेकिन पुत्र जयंत मां के ज्यादा दुलारे रहे हैं।
सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा में रहीं साथ
-परिवार पर कमला आडवाणी का दबदबा इस कदर था कि पारिवारिक मामलों में आडवाणी से ज्यादा उनकी चलती थी।
-करीबी लोग तो यह भी कहते हैं कि भाजपा के जो चतुर सुजान नेता इस सच्चाई को जानते हैं उन्होंने पार्टी और सरकार में सफलता की सीढ़ियां जल्दी चढ़ लीं।
-आडवाणी की ऐतिहासिक सोमनाथ से अयोध्या रथयात्रा के दौरान कमला बराबर अपने पति के साथ रहीं।
-उस दौरान उनकी यात्रा का पूरा हिसाब-किताब भी रखती थीं।
आडवाणी के खान-पान पर कमला की थी नजर
-आडवाणी की अच्छी सेहत का राज कमला की देखभाल और खान-पान के अंकुश को दिया जा सकता है।
-चाट खाने की शौकीन कमला खिलाने की भी शौकीन थीं।
-प्राय: आडवाणी परिवार करीबियों को दावत देकर अपनी मेहमाननवाजी का इजहार करता रहा है।
-इसकी कमान कमला ही संभालती थीं।
वीआईपी पत्नी होने का भी था अहसास
-वीआईपी पत्नी होने का अहसास भी कमला आडवाणी को बराबर था।
-इसलिए वह आडवाणी से मिलने-जुलने वालों पर पूरी नजर रखती थीं।
-वह नहीं चाहती कि कोई गलत व्यक्ति या तत्व आडवाणी से मुलाकात करे।
हवाला कांड के बाद बेहद सतर्क हो गईं थी कमला
-हवाला विवाद में फंसने के बाद से आडवाणी परिवार इस मामले में बेहद सतर्क हो गया था।
-परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक प्रायः आडवाणी से मिलने वालों की सूची पर भी वह नजर रखती थीं।
-कमला का आडवाणी के मित्रों ओर राजनीतिक सहयोगियों से बेहतर संवाद था।
-दशकों तक साथ काम करने वाले अटल बिहारी वाजपेयी और मुरली मनोहर जोशी का जितना संवाद कमला जी से रहा है उतना शायद आडवाणी से भी न रहा हो।
कई मौकों पर अटल जी कमला को देते थे पहले जानकारी
-पीएम रहते हुए भी वाजपेयी प्रायः फोन से कमला से बात करके परिवार का हालचाल लेते रहते थे।
-उनके हाथ का बना खाना बहुत दिनों से न खा पाने का उलाहना भी देते रहते थे।
-आडवाणी को उप प्रधानमंत्री बनाने की सूचना वाजपेयी ने खुद फोन से पहले कमला जी को दी थी।
-पार्टी के भीतर आडवाणी से प्रायः मुठभेड़ करने वाले मुरली मनोहर जोशी को भी कमला भाभी के हाथों का खाना बेहद पसंद था।
आडवाणी-जोशी बहस में कमला करती थीं रिश्ते सामान्य
पार्टी सूत्रों के मुताबिक अकसर जब आडवाणी और जोशी के बीच पार्टी मंच पर गरम बहस की खबर मिलने पर कमला जी जोशी को फोन करके स्थिति सामान्य करती थीं। जोशी भी जल्दी भाभी की बात मान लेते थे। सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, वेंकैया नायडू, अनंत कुमार, राजनाथ सिंह जैसे वरिष्ठ नेता भी आडवाणी परिवार में कमला जी के स्नेह के कायल रहे हैं।
भाजपा की एक राज्य सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री के मुताबिक, 'आडवाणी जी का कहा तो कभी-कभी अनसुना भी हो जाता था लेकिन कमला जी का कहा टालने की हम लोग सोच भी नहीं सकते।'