लंदन: अगर नौकरी ऑफिस में बैठने के बदले बाहर दौड़-भाग करने वाली है, यदि मार्केटिंग जॉब में हैं तो आपको ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। एक नए शोध में सामने आया है कि विभिन्न तरह के बाहरी व्यवसायों के दौरान नॉन मेलेनोमा त्वचा कैंसर के होने का जोखिम होता है। शोधकर्ताओं के अनुसार, त्वचा कैंसर नॉन मेलेनोमा के मुख्य कारकों में से एक सूर्य के अल्ट्रावॉयलेट (पराबैंगनी) विकिरण हैं। यह दुनिया भर में होने वाला आम कैंसर है।इसे नॉन मेलेनोमा त्वचा कैंसर के रूप में पहचाना गया है।
कई देशों में यह बाहर काम करने वाले मजदूरों में व्यवसाय से जुड़ी हुई बीमारी है।हालांकि, बाहर के व्यवसाय विभिन्न प्रकार की दैनिक गतिविधियों व अल्ट्रावॉयलेट विकिरण के संपर्क में आने से जुड़े हैं।इस शोध का प्रकाशन 'जर्नल ऑफ द यूरोपीयन एकेडमी ऑफ डर्मेटोलॉजी एंड वेनेरियोलॉजी' में किया गया है।
इसमें 563 प्रतिभागियों (47 फीसदी महिलाओं) को शामिल किया गया, जिसमें 348 लोग बाहर काम करने वाले श्रमिक (39 फीसदी किसान, 35 फीसदी माली, 26 फीसदी माउंटेन गाइड) थे और 215 घर के भीतर काम करने वाले लोग थे.इसमें पाया गया कि नॉन मेलेनोमा त्वचा कैंसर 33.3 फीसदी माउंटेन गाइडों, 27.4 फीसदी किसानों, 19.5 फीसदी बगीचे के मालियों व 5.6 फीसदी घर में काम करने वाले श्रमिकों में पाया गया.शोधकर्ताओं ने कहा कि बाहरी काम करने वालो में भी इसका सबसे ज्यादा जोखिम माउंटेन गाइडों में देखने को मिला।
त्वचा कैंसर का खतरा:वैज्ञानिकों के अनुसार विटामिन बी3 के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली थेरेपी संभवत: मेलेनोमा नामक घातक त्वचा कैंसर के खतरे को कम कर सकती है. इन वैज्ञानिकों में भारतीय मूल का एक वैज्ञानिक भी शामिल है. ऑस्ट्रेलिया के सिडनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने पाया कि निकोटिनामाइड, डीएनए में हुई क्षति, सूजन और पराबैंगनी विकिरण की वजह से कम हो रही रोग- प्रतिरोधक क्षमता घटाने और उसे उलटने में मदद कर सकता है।
GOOD रिसर्च: अब चलेगा पता, किस संतान के माता-पिता का मिलता है ज्यादा प्यार
शोधकर्ताओं ने कहा कि डॉक्टर की सलाह पर हर दिन एक ग्राम निकोटिनामाइड लेने पर इसका प्रति माह खर्च 10 अमेरिकी डॉलर आता है. उन्होंने कहा कि मेलेनोमा की रोकथाम के लिए इसकी क्षमता तथा सुरक्षा को निर्धारित करने के लिए यादृच्छिक प्लेसबो नियंत्रित परीक्षण अब जरूरी है.।
पराबैंगनी विकिरण (यूवीआर) मेलेनोसाइट्स में डीएनए को क्षति पहुंचाता है। शोधकर्ताओं ने बताया कि निकोटीनमाइड (विटामिन बी 3) डीएनए की क्षति को ठीक करता है, यूवीआर द्वारा जो सूजन होती है उसे नियंत्रित करता है और यूवी किरणों से रोग-प्रतिरोधक क्षमता में आने वाली गिरावट को कम करता है।