नई दिल्ली: खुदरा बाजार में दालों के बढ़ते दाम और सरकारी बिक्री केंद्रों की कमी को देखते हुए मोदी सरकार एक नया और मददगार कदम उठाने जा रही है। जो डाकघर अभी तक आपको चिट्ठियां पहुंचाती रही है अब वह जल्दी ही डाकिया के जरिए आपके घर तक दाल भेजेगा। जल्द ही सरकार डाकघर के बेहतरीन नेटवर्क का इस्तेमाल लोगों को सस्ती दाल उपलब्ध कराने के लिए करने वाली है।
ज्ञात हो, कि राज्य सरकारों के पास मांग को देखते हुए आवश्यक बिक्री केंद्र मौजूद नहीं हैं। ऐसे में केंद्र सरकार देश भर में सब्सिडी प्राप्त दलहनों की बिक्री डाकघरों के बड़े नेटवर्क के जरिए करेगी।
इन दालों की होगी बिक्री
इन दलहनों में तुअर, उड़द और चना के दाल शामिल होंगे। सरकार का मकसद मौजूदा त्योहारों के दौरान दालों की उपलब्धता को सुनिश्चित करना है। इस बारे में उपभोक्ता मामला विभाग के सचिव हेम पांडे की अगुवाई वाले अंतर मंत्रालयीय समिति की एक बैठक हुई जिसमें ये फैसला लिया गया। बैठक में खाद्य, उपभोक्ता मामला विभाग, कृषि, वाणिज्य एवं वित्त मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे। इसमें सरकारी उपक्रम एमएमटीसी और नाफेड के भी अधिकारीगण थे।
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इसलिए उठाया कदम
उपभोक्ता मामला मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि 'चूंकि राज्यों में सरकार के बिक्री केंद्र अधिक नहीं हैं। हमने अपने बफर स्टॉक से सब्सिडी प्राप्त दलहनों के वितरण के लिए डाकघरों के नेटवर्क का इस्तेमाल करने का फैसला किया है। इसके कारण चालू त्योहारों के दौरान आपूर्ति की स्थिति में सुधार होगा।'
ताकि रियायती दरों पर मिले दाल
सरकार ने इस त्योहारी मौसम में लोगों को उचित मूल्य पर दालों की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए डाक के माध्यम से रियायती दालों को बांटने और बफर स्टॉक से अधिक मात्रा में चना जारी करने का फैसला किया है। खाद्य मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, 'इस समिति ने आवश्यक वस्तुओं मुख्यत: दालों की उपलब्धता और कीमतों की समीक्षा की और सुझाव दिया कि राज्यों में सरकारी आउटलेट के अभाव में डाक नेटवर्क का उपयोग वितरण के लिए किया जाना चाहिए।'
खोले गए 500 खरीद केंद्र
बैठक में कहा गया कि अब तक 500 खरीद केंद्र खोले जा चुके हैं। जहां किसानों को चेक या बैंक हस्तांतरण प्रणाली के माध्यम से तुरंत भुगतान किया जा रहा है। सरकार ने चालू सत्र में 50,000 टन खरीफ दालों की खरीद का लक्ष्य रखा है। बैठक में कृषि, खाद्य, वाणिज्य, राजस्व, एमएमटीसी, नैफेड के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।