मुंबई: जिस इंसान के दिल में खुद के काम को इबादत समझने का जज्बा हो, उसे दुनिया में जाती-धर्म की दीवारें नहीं रोक सकती। उन्हें बस अपना काम दिखाई देता है। इसी बात का एग्जामपल सामने रखा है महाराष्ट्र के भाइंदर के रहने वाले एक मुस्लिम लड़के मोहम्मद शेख ने।
मोहम्मद शेख एक कलाकार हैं और मिट्टी की मूर्तियां बनाते हैं। शेख का कहना है कि उन्हें बचपन से ही मूर्तियां बनाने का शौक था। इसी वजह से उन्होंने अपनी एक दुकान खोल ली और अब वह उसमें हिन्दू देवी-देवताओं की मूर्तियां बनाते हैं।
नमाज पढ़कर बनाते हैं हिन्दू देवताओं की मूर्तियां
शेख बताते हैं कि रमजान के महीने में वह रोजा रखकर और नमाज पढ़कर हिन्दू देवता गणेश की मूर्तियां बनाने का काम शुरु करते हैं। शेख गणेश की तरह-तरह की मुद्राओं वाली मूर्तियां बनाते हैं और ऑर्डर पर इको-फ्रेंडली मूर्तियां भी बनाते हैं।
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मना करते हैं दोस्त
शेख का कहना है कि उनके कुछ मुस्लिम दोस्तों ने रमजान के महीने में गणेश की मूर्ति बनाने को गलत बताया लेकिन जब उन्होंने अपने दोस्तों को समझाया कि भगवान एक ही हैं। बस धर्मों के नाम पर उन्हें बांट दिया गया है, तो वह समझ गए।
हिंदू ने ही किया था मना मूर्ति खरीदने से
एक बार का किस्सा बताते हुए शेख ने कहा कि एक हिन्दू आदमी ने उनसे गणेश की मूर्ति खरीदने से इंकार कर दिया था। लेकिन फिर जब उसे समझाया तो वह मान गया और मूर्ति खरीद ली और आज भी वह आदमी उनका ग्राहक है। शेख एक अनूठी सोच रखते हैं कि वह ये काम करके देश में आपसी भाईचारे को बनाकर रख सकते हैं। जिससे उनकी आत्मा को ख़ुशी मिलती है और वह शांति का पैगाम देना चाहते हैं।