1973 से नहीं सोए जबलपुर के मोहनलाल, बोले- नहीं महसूस होती थकान, रात में ज्यादा फ्रेश फील करता

Update: 2016-08-30 12:28 GMT

जबलपुर: अक्सर ही लोगों को कहते सुना होगा कि रात में न सो पाने की वजह से उनकी तबियत खराब हो गई है। वहीं अगर लोग किसी रात ठीक से न पाएं, तो दूसरे दिन उनका चेहरा बुझा-बुझा सा रहता है और दिनभर थकान भी बनी रहती है। लेकिन आपको यह जानकार हैरानी होगी कि मध्य प्रदेश के जबलपुर में रहने वाले मोहनलाल द्विवेदी पूरे 43 साल से नहीं सोए हैं। 43 साल से उन्होंने नींद की एक झपकी नहीं ली है और न ही उन्हें नींद आती है। नौकरी से रिटायर हो चुके मोहनलाल को कोई थकावट भी महसूस नहीं होती है।

क्या है डॉक्टर्स का कहना

मोहनलाल की यह बीमारी वाकई लोगों को हैरान कर देने वाली है। ख़बरों की मानें तो 1973 में जुलाई के बाद एक दिन उन्होंने सोने की कोशिश की। लेकिन नींद नहीं आई। ऐसा नहीं है कि इससे पहले वह नहीं सोते थे, लेकिन उस दिन के बाद वह जब भी सोने की कोशिश करते, उन्हें नींद नहीं आती। तब से लेकर आज तक उन्हें नींद नहीं आई है। इसके लिए वह मुंबई के कई डॉक्टर्स से मिले, लेकिन डॉक्टर्स भी कोई समाधान नहीं निकाल पाए। दवाइयां भी खाई, पर कोई असर नहीं हुआ।

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मोहनलाल की इस बीमारी की सबसे ख़ास बात यह है कि 43 साल से न सो पाने के बावजूद मोहनलाल का स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक है। वह थकान भी नहीं महसूस करते हैं। उनकी इस बीमारी ने डॉक्टर्स को इतना हैरान कर दिया कि वे खुद यह कहने को मजबूर हो गए कि मोहनलाल पर साइंटिफिक रिसर्च होनी चाहिए।

पिता भी नहीं सोते हैं ज्यादा

मोहनलाल की यह बीमारी तो जैसे उनकी खानदानी परंपरा ही लगती है क्योंकि उनके पिता रामनाथ द्विवेदी भी कई सालों से केवल दो घंटे ही सोते हैं। अपनी बीमारी के बारे में बिना किसी टेंशन के मोहनलाल कहते हैं कि रात में वे ज्यादा रिफ्रेश महसूस करते हैं।

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