सिंहस्थ कुंभ: मुस्लिम समाज के नौजवान बचा रहे जिंदगियां

Update: 2016-04-27 05:00 GMT

Ashutosh Tripathi

उज्जैन: महाकाल की नगरी उज्जैन में चल रहे सिंहस्थ में, जहां एक तरफ हिंदू धर्म के श्रद्धालु पवित्र शिप्रा नदी में डुबकी लगा रहे हैं, तो वहीं स्नान के समय उन्हें डूबने से बचाने का बीड़ा मुस्लिम युवकों की एक टीम ने उठा रखा है। यह हिंदुओं के धार्मिक महायोजन में साम्प्रदायिक सद्भाव की शायद सबसे अनूठी मिसाल है। मुस्लिम युवकों के दल ने सिंहस्थ शुरू होने के बाद से अब तक लगभग 50 जिंदगियों के बचा चुके है।

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मजहब से बढ़कर है इंसानियत

लोगों की जिंदगियां बचाने में लगे मौलाना मौज तैराक दल के अध्यक्ष अखलाक खान इंसानियत को मजहब से बढ़कर मानते हैं। उनका कहना है कि उनके संघ में ज्यादातर युवक मुस्लिम समुदाय के है, कुछ युवक हिंदू कहार जाति से भी है। उन्होंने बताया कि उनके तैराक दल के सभी युवा शिप्रा के तट पर स्नान के लिए आ रहे श्रद्धालुओं की रक्षा के पूरी तरह समर्पित है और पूरी सेवा भाव से जुटे हैं।

जलजीवों की भी कर रहे हैं रक्षा

अखलाक ने बताया कि उनका दल न केवल श्रद्धालुओं के साथ कोई भी हादसा रोकने के लिए तैयार है बल्कि नदी के किनारों पर आ जाने वाले जहरीले जीवों और सांपों से भी रक्षा कर रहे है। वे ऐसे जीवों को पकड़कर सिंहस्थ क्षेत्र से दूर छोड़ आते हैं।

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कैसे दे रहे हैं अपने काम को अंजाम

तैराक दल के सदस्य अब्दुल वाजिद ने बताया उनके टीम के हर मेम्बर के पास सीटी है और वे लगातार नदी तट पर निगाह बनाए रखते हैं। जैसे ही कोई श्रद्धालु गहरे पानी की ओर जाने लगता है उसे सीटी बचाकर सावधान किया जाता है। उन्हें घाटों पर लगी जंजीरों और बैरिकेड्स के भीतर ही रहने के लिए कहा जाता हैं। इसके बावजूद अति-उत्साही श्रद्धालु गहरे पानी में डुबकी के लिए जंजीरों और बैरिकेड्स को क्रॉस कर जाते हैं।

ऐसा होता देख उनकी टीम के लोग तुरंत उस ओर दौड़ा पड़ते हैं और पानी में गोता लगाकर उस श्रद्धालु को किनारे की ओर ले आते हैं। कभी-कभी उनके पहुंचने से पहले ही श्रद्धालु डूबने लगते हैं, वैसे ही उनकी टीम का मेम्बर गोता लगाकर उसे बचा लेते हैं। टीम के मुखिया अख़लाक़ खान के मुताबिक इस बार एमपी सरकार ने ग्रीन सिंहस्थ का एलान किया है। उनकी पूरी टीम ग्रीन सिंहस्थ-क्लीन सिंहस्थ लिए भी काम कर रही है। टीम के मेम्बर्स घाटों की साफ-सफाई और नदी के पानी को साफ रखने के लिए के लिए उसमें बहाए गए फूलों, पूजा सामाग्री और नदी में बहाए गए अन्य कचरे को भी निकाल रहे हैं।

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