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झांसी. कहते हैं कि प्यार की कोई परिभाषा नहीं होती। ये सिर्फ एक एहसास है, जिसे लफ्जों में बयां करना जरूरी नहीं। फिर चाहे वो किसी इंसान से हो या बेजुबान से। झांसी के एक गांव में यूं तो लोगों ने कई बार दावतें खाईं थीं, लेकिन एक दावत शायद ही अपनी जिंदगी में वो कभी भूल पाएं। इस गांव में रहने वाले एक शख्स की एक पालतू कुतिया है। उसने हाल ही में पांच पिल्लों को जन्म दिया। उन्हें देखकर उस शख्स की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसने एक दावत का आयोजन किया और 800 लोगों को खाना खिलाया। इसके लिए उसने 70 हजार रुपए का कर्ज भी लिया। लोगों ने पिल्लों को अपना आर्शीवाद दिया। गांव के लोगों ने बताया कि उसके लिए वो सिर्फ एक कुतिया नहीं है, बल्कि बेटी की तरह प्यार करता है। यही वजह है कि उसने पिल्लों के पैदा होने पर इतनी बड़ी दावत दी।
दावत के लिए बनता खाना।
ये दावत झांसी से करीब 95 किमी. दूर ऐरच थानाक्षेत्र में गांव अहरोरा में हुई। कुतिया के मालिक का नाम बालकराम पाल है। उनके पास चार बीघा जमीन है। उन्होंने छह साल पहले एक कुतिया पाली थी, जिसका नाम ब्रह्मा देवी रखा। बीती 17 जनवरी को उसने 5 पिल्लों को जन्म दिया। इस खुशी में उसने कार्ड छपवाकर गांववालों को दावत दी। महिलाओं ने पूरा खाना बनाया। कुतिया और उसके पिल्लों को चारपाई पर बिठाकर खाना खिलाया गया।
घर में पूड़ियां बेलतीं गांव की महिलाएं।
बेटी की तरह करता हूं प्यार: बालकराम
बालकराम ने बताया कि वो ब्रह्मा को बेटी की तरह प्यार करते हैं। जब बिना उसके खाए, अन्न का एक दाना तक ग्रहण नहीं करते हैं। दो साल पहले भी जब उसने बच्चों को जन्म दिया था, तब भी वो गांववालों को दावत देना चाहते थे, लेकिन पैसों की कमी के कारण ऐसा नहीं कर पाए थे। इस बार जब वो फिर मां बनी तो उन्होंने कर्ज लेकर पूरे गांव को खाना खिलाया।
कर्ज लेकर बालकराम ने दी दावत।
दावत के लिए छपवाया गया कार्ड।
दावत में बना खाना।