एस्ट्रो टिप्स: इस चीज को धारण करने से बनती है सरकारी नौकरी के योग

Update:2018-10-18 15:31 IST

जयपुर: रुद्राक्ष को अक्सर भगवान शिव की उपासना के लिए माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने से भगवान शिव प्रसन्न होते है ये सत्य है। लेकिन क्या आप ये जानते है कि बारह मुखी रुद्राक्ष भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है।बारह मुखी रुद्राक्ष के देवता सूर्य हैं। बारह मुखी रुद्राक्ष सूर्य व्यक्ति को शक्तिशाली तथा तेजस्वी बनाता है। बारह मुखी रुद्राक्ष को धारण करने से सूर्य का ओज और तेज प्राप्त होता है। बारह मुखी रुद्राक्ष सर्वकार्य सिद्ध करने वाला है। इस रुद्राक्ष में सभी इच्छाओं को पूर्ण करने की क्षमता विद्यमान है।

बारह मुखी रुद्राक्ष के फायदे बारह मुखी रुद्राक्ष धारण करने से सरकारी नौकरी के योग बनते है। इसे धारण करने से राजनीति में करियर बनाने के योग बनते है। बारह मुखी रुद्राक्ष दरिद्रता दूर कर सकता है। इस रुद्राक्ष के कारण परिवार को सुख एवं संपत्ति प्राप्त होती रहती है। शास्त्रों में सूर्य देव के इस रुद्राक्ष को अश्वमेघ के समान शक्तिशाली बताया गया है। इस रुद्राक्ष द्वारा दु:ख, निराशा, कुंठा, पीड़ा और दुर्भाग्य का नाश होता है। व्यक्ति सूर्य की भांति यशस्वी बनता है। सिद्ध बारह मुखी रुद्राक्ष से आर्थिक दृष्टि से समृद्ध करता है। इस रुद्राक्ष को धारण करने से पारिवारिक सुख-शांति मिलती है। इससे नकारात्मक विचार नष्ट होता है तथा सकारात्मक विचार का संचार होने लगता है। यह शासकीय शक्ति और राजत्व विधान देता है। यह सभी प्रकार के दुर्घटनाओ से बचाने वाला है। बारह मुखी रुद्राक्ष सभी प्रकार के रोगो से छुटकारा दिलाने में समर्थ है। इसके धारण करने से जातक सभी पापों से मुक्त हो जाता है। यह व्यक्ति को सूर्य की तरह यशस्वी बनाता है। रोगी के लिए बारह मुखी रुद्राक्ष उस व्यक्ति के लिए ब्रह्मास्त्र के समान है। हृदय रोग, फेफड़ों के रोग और त्वचा रोग संबंधी सभी प्रकार की शारीरिक एवं मानसिक परेशानियों का यह रुद्राक्ष नाश करता है। शिक्षा, धन, ऐश्वर्य, ख्याति आदि सुखों की प्राप्ति के लिए बारहमुखी रुद्राक्ष बहुत उपयोगी है।

बारह मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें बारह मुखी रुद्राक्ष को रविवार के दिन शुभ मुहूर्त में धारण करना अत्यधिक उत्तम माना जाता है। ध्यान रखने योग्य बात यह है कि यह रुद्राक्ष मन्त्रों द्वारा सिद्ध किया गया हो। इस रुद्राक्ष को धारण करने के लिए बीज मंत्र “ॐ क्रोम श्रोम रोम नमः” से सिद्ध करें या विद्वान से कहकर इसे सिद्ध भी किया जा सकता है।

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