लखनऊ: अक्सर लोगों की आदत होती है कि वे बैठे हुए या लेते हुए पैर हिलाते रहते रहते हैं। दूसरों को क्या कहा जाए, पैर हिलाना तो आजकल हर किसी की आदत में ही शुमार हो गया है। पर क्या आप जानते हैं कि पैर हिलाना हेल्थ के हिसाब से बिलकुल भी ठीक नहीं होता है। लगातार पैर हिलाते रहना रेस्टलेस सिंड्रोम के लक्षण हैं। यह आदत खासकर उन लोगों में होती है, जिनमें आयरन की कमी पाई जाती है।
वैसे तो 10% लोगों में यह दिक्कत है लेकिन 35 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में यह प्रॉब्लम तो आम हो गई है। रेस्टलेस सिंड्रोम नर्वस सिस्टम से जुड़ी बीमारी है। लगातार पैर हिलाने वाले लोगों में डोपामाइन हार्मोन सीक्रीट होता रहता है, जिसकी वजह से उसका मन बार-बार पैर हिलाने का करता है। इस बीमारी को 'स्लीप डिसऑर्डर' के नाम से भी जाना जाता है। कई बार नींद न पूरी होने से इंसान खुद को काफी थका हुआ फील करता है। इसकी जांच के लिए ब्लड टेस्ट किया जाता है।
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इसके अलावा पैर हिलाने की प्रॉब्लम किडनी, पार्किंसंस से पीड़ित पेशेंट्स में भी देखी जाती है। वहीं प्रेग्नेंट महिलाओं की डिलीवरी के लास्ट डेज में हार्मोनल चेंजेस के कारण भी पैर हिलाने की प्रॉब्लम बढ़ जाती है। शुगर, बीपी व हार्ट पेशेंट्स में इस बीमारी का बड़ा खतरा होता है।
जिन लोगों को पैर हिलाने की प्रॉब्लम रहती है, उन्हें आयरन की दवाई लेनी चाहिए।