फेसबुक पोस्‍ट से मिला हौसला तो इस शख्‍स ने तैयार कर दी 300 गर्ल अंबेसडर की फौज

एक शख्‍स ने समाज में चल रहे अन्‍याय के खिलाफ अपने फेसबुक पर एक पोस्‍ट डाली। इस पोस्‍ट को चार सौ से ज्‍यादा लोगों ने लाइक और 647 लोगों ने शेयर किया।

Update: 2017-04-18 15:43 GMT
फेसबुक पोस्‍ट से मिला हौंसला तो इस शख्‍स ने तैयार कर दी 300 गर्ल अंबेसडर की फौज

लखनऊ: एक शख्‍स ने समाज में चल रहे अन्‍याय के खिलाफ अपने फेसबुक पर एक पोस्‍ट डाली। इस पोस्‍ट को चार सौ से ज्‍यादा लोगों ने लाइक और 647 लोगों ने शेयर किया। इस रिस्‍पांस से शख्‍स को ऐसी प्रेरणा मिली कि अपनी नौकरी से इस्‍तीफा देकर उसने एक सामाजिक मुहिम को खड़ा कर डाला। इस शख्‍स का नाम है आशुतोष कुमार सिंह, जो एक प्रतिष्ठित समाचार पत्र में कार्य करते थे और वहां से इस्‍तीफा देकर वर्तमान में पूरे देश में स्‍वस्‍थ भारत यात्रा की अगुवाई कर रहे हैं। राजधानी के लोयला इंटरनेशनल स्‍कूल में मंगलवार (18 अप्रैल) को यहां स्‍वस्‍थ भारत यात्रा पहुंची और इस स्‍कूल से चार स्टूडेंट्स को अपनी मुहिम का गर्ल अंबेसडर नियुक्‍त किया। अब तक इस मुहिम में पूरे देश से 300 बालिकाएं 'गर्ल अंबेसडर' बनकर जुड़ चुकी हैं।

ऐसे शुरू हुई सामाजिक मुहिम

स्‍वस्‍थ भारत यात्रा लेकर लखनऊ पहुंचे आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि जून 2012 में वह अपने बीमार दोस्‍त के लिए एक दवा लेने गए। जिसकी कीमत मात्र 7 रुपए रही होगी, लेकिन निजी मेडिकल स्‍टोर वाले ने वही दवा 117 रुपए की दी। इससे व्‍यथित होकर अपने फेसबुक पर एक पोस्‍ट इस संबंध में डाली, तो लोगों से काफी अच्‍छी प्रतिक्रिया मिली। इसके एक महीने के अंदर ही मेरे पास देश के कई कोनों से इस तरह के सामाजिक मुद्दों को लेकर फीडबैक आने लगा। तब लगा कि मुझे देश के लिए कुछ करना चाहिए और आवाज उठानी चाहिए। इसके बाद जेनरिक दवाओं के लिए साल 2012 में आवाज उठाई। इसके बाद साल 2013 में 'तुलसी लगाइए रोग भगाइए' मुहिम चलाई। इसी क्रम में लगा कि देश की बालिकाओं में स्‍वच्‍छता का भाव जगाने की आवश्‍यकता है तो जनवरी 2017 में इस यात्रा को शुरू किया। ये अब तक की पांचवी मुहिम है।

120 से ज्‍यादा आयोजन, 1 लाख बालिकाओं से सीधा संवाद

आशुतोष कुमार सिंह ने बताया कि इस मुहिम में अब तक 26 राज्‍यों में 120 आयोजन किए गए हैं। इस दौरान 80 दिनों में 18 हजार किलोमीटर का सफर तय किया गया और स्‍कूल, कॉलेजों, यूनिवर्सिटी की एक लाख बालिकाओं से सीधा संवाद स्‍थापित किया गया। 50 हजार गांवों में अपना संदेश पहुंचाया गया। इनका मानना है कि अगर बालिकाओं को स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति जागरूक किया जाए और आकांक्षाओं को पंख दिए जाएं तो एक स्‍वस्‍थ भारत का निर्माण होगा। बालिकाओं में मेमोरी पॉवर अधिक होती है। इस कारण यदि उनसे सेहत की बात की जाए तो ये सृजन शक्तियां जहां भी जाएंगी इस संदेश का प्रसार करती रहेंगी। इसके साथ ही इनका आत्‍मबल भी जगेगा।

पीएम की अध्‍यक्षता वाली कमेटी करती है निगरानी

आशुतोष सिंह ने बताया कि पीएम मोदी की अध्‍यक्षता वाली गांधी स्‍मृति और दर्शन समिति इस मुहिम में सहयोग कर रही है। इस समिति के माध्‍यम से जो पैंफलेट आदि छपने का काम होता है, उसमें सहयोग मिल जाता है। शेष 90 परसेंट कार्य जन सहयोग से चल रहा है। इस यात्रा में यात्री दल की अध्‍यक्षता खुद आशुतोष कर रहे हैं। इनके साथ प्रसून लतांत और विनोद रोहिला, कुमार कृष्‍णन और धर्मेंद्र उपाध्‍याय भी सहभागी बने हैं। इनका नारा है 'स्‍वस्‍थ बालिका- स्‍वस्‍थ समाज'। इन्‍होंने राजघाट से 30 जनवरी को यह यात्रा शुरू की और तब से लगातार इनकी मुहिम जारी है। इनको अभी पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्‍तराखंड और जम्‍मू कश्‍मीर का दौरा करना है और करीब 600 किलोमीटर की यात्रा आगे करनी है।

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