बहुत खूबसूरत ये साध्वी: बड़ी-बड़ी एक्ट्रेस हैं इनके आगे फेल, जानें इनके बारे में
जिस सन्यासी युवती के बारे में हम आपको बता रहे हैं, उनकी मृदुल वाणी और खूबसूरती के चर्चे सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। इनके प्रवचन को लोग बहुत पसंद करते हैं। इनकी फैन फालोइंग लाखों में हैं। जितना लोग इनके कथा और प्रवचन के दीवाने हैं उससे कहीं ज्यादा लोग इनकी खूबसूरती को भी पसंद करते हैं।
नई दिल्ली: भारत एक ऐसा देश जहां विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं। इन धर्मों में धर्मगुरू भी होते हैं। ऐसे ही हिंदू धर्म में भी कई धर्मगुरू हैं। जिनके नाम का डंका पूरी दुनिया में बजता है। लेकिन आज हम आपको एक सन्यासी लड़की के बारे में बताने जा रहे हैं।
जिस सन्यासी युवती के बारे में हम आपको बता रहे हैं, उनकी मृदुल वाणी और खूबसूरती के चर्चे सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। इनके प्रवचन को लोग बहुत पसंद करते हैं। इनकी फैन फालोइंग लाखों में हैं। जितना लोग इनके कथा और प्रवचन के दीवाने हैं उससे कहीं ज्यादा लोग इनकी खूबसूरती को भी पसंद करते हैं।
आसान नहीं है सन्यास
सन्यासी जीवन बेहद कठिन है, जिसमें कठिन तप से गुजरना पड़ता है। सभी इंद्रियों सहित काम, क्रोध, लोभ, मोह, माया, अहंकार और तृष्णा को समाप्त कर चित्त को ईष्ट की आराधना में तल्लीन करना होता है। सेवा भाव, ध्यान के प्रति समर्पण, मोक्ष की कामना और शून्यता की ओर लगातार अग्रसर होना सन्यासी की दिनचर्या में शामिल होते हैं।
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खूबसूरती में देती हैं एक्ट्रेस को टक्कर?
ऐसी ही हैं जया किशोरी। महज 21 साल की कम उम्र में ही ये कृष्ण भक्ति में लीन हो गयी। ये अपनी भगवत कथा के लिए जानी जाती है क्योंकि ये कृष्ण भक्ति में लीन रहती है।
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ये हमेशा लोगों को कृष्ण लीला की कथा सुनाती है। जया किशोरी अपनी खूबसूरती के लिए भी जानी जाती है, और देखा जाये तो जया किशोरी जी की खूबसूरती ऐसी है जो किसी भी अभिनेत्री से कम नहीं है। ये अपनी खूबसूरती के आगे बड़ी-बड़ी हीरोइनों को भी टक्कर दे सकती है।
आइए जानें कौन है जया किशोरी
जया किशोरी राजस्थान के सुजानगढ़ में एक गौड़ ब्राह्मण परिवार में 1996 में पैदा हुईं। घर में पूजा-पाठ का माहौल था, तो बचपन से ही जया का झुकाव कृष्ण भक्ति की ओर रहा।
नवें साल में ही जया संस्कृत में लिंगाष्टकम्, शिव-तांडव स्तोत्रम्, रामाष्टकम् आदि स्तोत्र गा लेती थीं।वो कोलकाता के महादेवी बिड़ला वर्ल्ड एकेडमी से पढ़ी हैं।
फेसबुक पर साध्वी के पेज पर लगभग 8 लाख लाइक हैं
जया ने शुरुआती दीक्षा पं गोविंदराम मिश्र से ली थी। वो जया को राधा कहकर बुलाते थे। उन्होंने ही कृष्ण के प्रति प्रेम को देखते हुए जया को ‘किशोरी जी’ की उपाधि दी थी।
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अब जया अपने भक्तों के बीच जया किशोरी के नाम से जानी जाती हैं और जब वो ‘नानी बाई का मायरा, नरसी का भात’ नाम से सत्संग करती हैं, तो लाखों की भीड़ जुटती है। फेसबुक पर साध्वी के पेज पर लगभग 8 लाख लाइक हैं और साढ़े 8 लाख लोग उन्हें फॉलो करते हैं। हालांकि अभी तक इनके शादी के बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है।