क्यों हुई ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ मनाने की शुरुआत, जानें ये 5 दिलचस्प FACTS.....
नई दिल्ली : आज विश्व जनसंख्या दिवस है। दुनिया में बढ़ती आबादी आज एक गंभीर समस्या बन चुकी है। ऐसे में इसपर लगाम कसने का तरीका खोजना हम सबका कर्तव्य है। तो ऐसे में आज हम आपके लिए है 'वर्ल्ड पापुलेशन डे' से जुड़े कुछ जरुरी फैक्ट्स -
किसने शुरू किया जनसंख्या दिवस -
11 जुलाई 1989 को पहली बार संयुक्त राष्ट्र ने ‘जनसंख्या दिवस’ मनाया था। तभी से लोगों के हितों के कारण इसको आगे बढ़ाया गया था जब वैश्विक जनसंख्या 11 जुलाई 1987 में लगभग 5 अरब (बिलीयन) के आसपास हो गयी थी। तबसे लेकर आज तक 11 जुलाई को हम वर्ल्ड पापुलेशन डे के तौर पर मनाते हैं।
विश्व जनसंख्या दिवस क्यों मनाया जाता है
विश्व जनसंख्या दिवस को मानाने की मुख्य वजह परिवार नियोजन को बढ़ावा देना है बता दें कि, एक बच्चे को जन्म देने की प्रक्रिया में रोजाना लगभग 800 महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। यह दिन पूरे विश्व के लोगों के ज्ञान और कौशल को बढ़ाता है।
जैसा की हम सभी जानते हैं कि, 1 जनवरी 2014 को विश्व जनसंख्या 7,137,661,1,030 तक पहुँच गयी।
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लगभग 18 बिलीयन युवा अपने जननीय वर्ष में प्रवेश कर रहें है और ये बहुत जरुरी है कि जननीय स्वास्थ्य के मुख्य भाग की ओर उनका ध्यान दिलाया जाये। साथ ही उन्हें देश के प्रति उनकी जिन्म्मेदारियों को समझाया जाए।
क्या होता है आज के दिन –
आज बढ़ती जनसंख्या जैसे गंभीर मुद्दे के बारे में जानने के लिये लोग इससे जुड़े कार्यक्रमों में भाग लेते हैं जहां उन्हें लैंगिक समानता, माता और बच्चे का स्वास्थ्य, गरीबी, मानव अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, लैंगिकता शिक्षा, गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल और सुरक्षात्मक उपाय जैसे कंडोम, जननीय स्वास्थ्य, नवयुवती गर्भावस्था, बालिका शिक्षा, बाल विवाह, यौन संबंधी फैलने वाले इंफेक्शन आदि गंभीर विषयों के बारे में समझाया जाता है साथ ही लोग इसपर अपने विचार रखते हैं।
किशोरों को सिखाये ये बात -
ये बहुत जरुरी है कि 15 से 19 वर्ष के किशोरों के बीच लैंगिकता से संबंधित मुद्दे को सुलझाया जाये क्योंकि एक आँकड़ों के अनुसार ये देखा गया कि इस उम्र के लगभग 15 मिलियन महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया साथ ही 4 मिलियन महिलाओं ने गर्भपात कराया।
इस बार ये है थीम –
बता दें कि ‘विश्व जनसंख्या दिवस’ की हर बार कुछ न कुछ अलग-अलग थीम होती है साल 2018 में वर्ल्ड पॉप्युलेशन डे की थीम है- परिवार नियोजन हर मनुष्य का अधिकार है। दरअसल, आज तेजी से बढ़ती दुनिया की आबादी ने हमारे सामने कई चुनौतियां खड़ी कर दी हैं।