भ्रष्टाचार के केस में SBI बैंक के अफसरों को मिली दस-दस साल की कैद

कोर्ट ने सभी अभियुक्तों पर अलग अलग एक लाख साठ हजार रूपये का जुर्माना भी ठोंका है। इस मामले के एक अन्य अभियुक्त तत्कालीन डिप्टी मैनेजर प्रेमचंद्रा की मुकदमे के विचारण के दौरान मौत हो चुकी है।

Update: 2019-05-31 16:17 GMT

लखनऊ: सीबीआई की स्पेशल जज नीतू पाठक ने धोखाधड़ी व लाखों के गबन के मामले में स्टेट बैंक आॅफ इंडिया की ममफोर्डगंज शाखा के तत्कालीन ब्रांच मैनेजर विमल कुमार मेहरोत्रा, डिप्टी मैनेजर आशुतोष वाजपेई व तत्कालीन क्लर्क राजीव टंडन, अजय कुमार श्रीवास्तव, सुधीर सक्सेना, डीके मेहरोत्रा तथा बीसी चैरसिया को देाषी करार देते हुए उन्हें दस दस साल कैद की सजा सुनाई है।

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कोर्ट ने सभी अभियुक्तों पर अलग अलग एक लाख साठ हजार रूपये का जुर्माना भी ठोंका है। इस मामले के एक अन्य अभियुक्त तत्कालीन डिप्टी मैनेजर प्रेमचंद्रा की मुकदमे के विचारण के दौरान मौत हो चुकी है।

1993-95 के दौरान अभियुक्तों पर आपसी मिलीभगत से बैंक को 17 लाख 46 हजार 578 की आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है। 17 सिंतबर, 1996 को सीबीआई ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर अपनी जांच शुरु की थी। 19 मार्च, 2000 को विवेचना के बाद सीबीआई ने इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया।

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