Kanpur News: विद्यालय प्रबंध समिति की प्रत्येक बैठक के लिए मिलेंगे 200 रूपये, जनपद को भेजी गई बैठक की धनराशि

Kanpur News: कानपुर में परिषदीय स्कूलों में नवीन विद्यालय प्रबंध समिति का गठन किया जा चुका है। विद्यालय को 200 रुपये प्रति बैठक के हिसाब से बजट भी दिया गया है।

Report :  Avanish Kumar
Update:2022-12-21 12:39 IST

कानपुर: विद्यालय प्रबंध समिति की प्रत्येक बैठक के लिए मिलेंगे 200 रूपये जनपद को भेजी गई बैठक की धनराशि (Image: Newstrack)

Kanpur News: कानपुर में परिषदीय स्कूलों (council schools) में नवीन विद्यालय प्रबंध समिति (school management committee) का गठन किया जा चुका है। अब नवीन समिति को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण में सदस्यों को उनके अधिकारों, कर्तव्यों के बारे में बताया जाएगा। इसके लिए विद्यालय को 200 रुपये प्रति बैठक के हिसाब से बजट भी दिया गया है और शासन की तरफ से बैठक के लिए धनराशि भी जारी कर दी गई है लेकिन प्रति बैठक के लिया जारी धनराशि को लेकर शिक्षकों व प्रबंध समिति के लोगों में नाराजगी है और चर्चा का विषय बना हुआ है।

200 रुपये में होगी एसएमसी की बैठक

विभाग ने एसएमसी की बैठक के लिए दो सौ रुपये का बजट दिया है। इसमें उपस्थित लोगों के जलपान, कक्ष की साज सज्जा की व्यवस्था है। प्रशिक्षण के लिए यह आदेश व बजट शिक्षकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। शिक्षकों का कहना है कि यह बजट इस महंगाई के समय में ऊंट के मुंह में जीरा है। एसएमसी मीटिंग में कम से कम 20 लोगों को बुलाए जाने का फरमान है और सरकार द्वारा इतनी कम धनराशि दी जा रही है इतनी धनराशि में तो उन्हें जलपान तक नहीं करवाया जा सकेगा।

क्या है विद्यालय प्रबंध समिति

सरकारी विद्यालयों में विद्यालय की विकास योजनाओं तथा अन्य कार्य में सहयोग एवं अनुश्रवण के लिए विद्यालय प्रबंध समिति का गठन किया जाता है। इसमें विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों के अभिभावक व लेखपाल, एएनएम तथा प्रधानाध्यापक सदस्य होते हैं। इसका गठन प्रत्येक 2 वर्ष के अंतराल पर किया जाता है। नवीन समिति के सदस्यों को उनके अधिकारों, कर्तव्य के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से जनवरी माह में बैठक की जाती है।

इस में प्रधानाध्यापक द्वारा विद्यालय प्रबंध समिति को तीन वर्ष के लिए विद्यालय विकास योजना का निर्माण करना, ग्राम के सभी पात्र बच्चों को विद्यालय में नामांकित कराना, उनकी शतप्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए अभिभावकों को जागरूक करना, विद्यालय में बनने वाले भोजन की निगरानी, विद्यालय तथा समुदाय के बीच तालमेल बनाकर जनसहयोग से विद्यालय में कार्य कराना, निपुण भारत मिशन योजना का प्रचार-प्रसार कर अभिभावकों को जागरूक करना आदि के बारे में बताया जाता है।

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