मल्हनी उप चुनावः हजारों मतदाता नहीं बन पाए भाग्य विधाता, आयोग से सवाल
बतादे इस चुनाव में आयोग द्वारा मतदाताओं की जारी सूची के आधार पर 3,65,013 कुल मतदाता है जो उप चुनाव लड़ने वालों के भाग्य का फैसला करेंगे।
जौनपुर: मल्हनी विधानसभा उप चुनाव के लिये मतदान तिथि आ गयी है। चुनाव मैदान में भाग्य आजमाने वाले 16 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मल्हनी के मतदाता करने जा रहे है। वहीं इस उप चुनाव में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग की आशंकाये प्रबल होती नजर आ रही है। हलांकि पोलिंग पार्टियां आज मतदान केन्द्रों के लिए रवाना हो गयी है। चुनाव में प्रचार का शोर थमने के बाद चुनावी समर में भाग्य आजमाने वाले कुछ लोगों द्वारा वोटों के खरीद फरोख्त का खेल किया जा रहा है। प्रशासन के स्तर से खरीद फरोख्त रोकने का प्रयास कागजी ही नजर आया है ।
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सूची के आधार पर 3,65,013 कुल मतदाता है
बतादे इस चुनाव में आयोग द्वारा मतदाताओं की जारी सूची के आधार पर 3,65,013 कुल मतदाता है जो उप चुनाव लड़ने वालों के भाग्य का फैसला करेंगे। इसमें 1,90,563 पुरुष एवं 1,74,431 महिला तथा 19 अन्य मतदाता है। मल्हनी विधानसभा क्षेत्र में कुल 372 मतदान केंद्र बनाये गये हैं तो 554 मतदान स्थल बने हुए हैं। इसमें कोरोना संक्रमण के चलते 182 मतदेय स्थल बढ़े हुए हैं। सरकारी सूचना के मुताबिक सभी मशीनो पर वी वी पैड की व्यवस्था की गयी है । प्रशासन द्वारा 71मतदान केन्द्रोको अति संवेदनशील चिन्हित किया है जहां सुरक्षा का शख्त पहरा होगा।
सुरक्षा प्रबन्ध के लिए प्रशासन द्वारा 174 उप निरीक्षक (दरोगा),165 हेड कांस्टेबल, 1062 सिपाही, 1313 होमगार्ड, एक कंपनी एक प्लाटून पीएसी, तीन कंपनी सीआरपीएफ सुरक्षा बल को लगाया गया है। इसके 100 उप निरीक्षक, 400 सिपाही, तीन कंपनी पीएसी कानून व्यवस्था में लगे हुए हैं।
मतदान के लिए आयोग के निर्देशानुसार सरकारी बीएलओ द्वारा मतदाता पर्चियां वितरित करायी गयी है इसमें एक खेल किया गया है। सरकारी आंकड़े के अनुसार 3,65,013 मतदाताओं में 3,42,646 मतदाताओं को मतदाता पर्ची दिया गया है। शेष 22,367 मतदाताओं को मतदाता पर्ची नहीं दिया गया है। यहां सवाल इस बात का है कि जब मतदाता सूची में 22,367 का नाम है तो मतदाता पर्ची क्यों नहीं दिया गया। इसके पीछे का रहस्य क्या है। सत्ता को खुश करने के लिए तो ऐसा किया गया है ? । जिनको पर्ची नहीं मिली है उनका वोट कौन करेगा अथवा मतदाता सूची में नाम रहने के बाद भी मताधिकार से वंचित कर दिया जायेगा। यह एक बड़ा सवाल खड़ा होता है।
मतदाताओं को खरीदने का खेल शुरू कर दिया गया है
खबर है कि प्रचार का शोर थमने के बाद चुनाव लड़ने वाले कुछ प्रत्याशियों द्वारा मल्हनी के मतदाताओं को खरीदने का खेल शुरू कर दिया गया है। पैसा बांटा जा रहा है। यह खेल इतना बारीकी के साथ गोपनीय तरीके से किया जा रहा है कि प्रशासन के लोग पकड़ ही नहीं सके है। हलांकि चुनाव प्रचार का शोर थमने के बाद प्रशासन ने वोटों की खरीद फरोख्त रोकने के लिए छापा मारी की बात किया था लेकिन इसके बाद भी अगर वोटों की खरीद फरोख्त हुईं तो प्रशासन के प्रयास पर प्रश्न चिन्ह लगता है।
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जो भी हो पोलिंग पार्टियां मतदान कराने के लिए रवाना हो गयी है। अब कल यानी 03 नवम्बर को मतदान प्रक्रिया पूरी हो जायेगी। प्रत्याशियों की तकदीर ईबीएम में कैद हो जायेंगी। हलांकि जनमत आज तक यही कहता है कि अगर निष्पक्ष मतदान सम्पन्न हुआ तो वारिस के पास मल्हनी रहेगा।
कपिल देव मौर्य, जौनपुर
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