कोरोना: मास्क बनाने वाली 40 इकाइयों में उत्पादन प्रारंभ, जल्द शुरू होंगी और इकाइयां
प्रदेश में मास्क बनाने वाली लगभग 40 इकाइयों में उत्पादन प्रारम्भ हो गया है। तथा विभिन्न प्रकार के मास्क आज स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दिये गये हैं।;
लखनऊः प्रदेश में मास्क बनाने वाली लगभग 40 इकाइयों में उत्पादन प्रारम्भ हो गया है। तथा विभिन्न प्रकार के मास्क आज स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दिये गये हैं। ऐसे में अब मास्क की उलब्धता में कोई कठिनाई नहीं होगी। सभी सर्जिकल मास्क व पीपीई बनाने वाली इकाइयों में उत्पादन प्रारम्भ करने का विभाग द्वारा प्रयास किया जा रहा है।
1100 पीपीई के मास्क कराए गए उपलब्ध
नोएडा की 2 इकाइयों में आज से उत्पादन प्रारम्भ गया है। इनमें से एक इकाई द्वारा 1500 एन-95 मास्क उपलब्ध भी करा दिया गया है। इसके साथ ही नोएडा में स्थित पी0पी0ई0 किट बनाने वाली इकाइयों द्वारा भी उत्पादन प्रारम्भ कराकर लगभग 1100 पीपीई के मास्क आज चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करा दिये गये हैं।
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प्रमुख सचिव ने बताया कि इकाइयों में उत्पादन क्षमता धीरे-धीरे बढ़ती रहेगी तथा प्रयास किये जा रहे है कि अधिक से अधिक पीपीई का निर्माण कराकर सरकार को उपलब्ध कराया जायेगा। उन्होंने बताया कि गाजियाबाद स्थित पीपीई की 3 इकाइयों द्वारा भी उत्पादन प्रारम्भ करने का प्रयास किया जा रहा है तथा इस संबंध में एमएसएमई विभाग द्वारा लगातार इकाइयों से समन्वय स्थापित किया जा रहा है।
उपलब्धता सुनिश्चित करने का किया जा रहा प्रयास
डा नवनीत सहगल ने बताया कि एमएसएमई विभाग द्वारा लगातार स्वास्थ्य विभाग एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग से सम्पर्क में रहकर इस संबंध में उपलब्धता सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त दवाएं बनाने वाली लगभग 400 ऐसी दवाएं जो कि सभी प्रकार के इलाज के लिए आवश्यक हैं।
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उन दवा की फैक्ट्रियों में उत्पादन चालू रखने का प्रयास किया जा रहा है तथा उत्तर प्रदेश में स्थित 500 इकाइयों से अब तक सम्पर्क कर उनकी कठिनाई समझते हुए उसे दूर करने का प्रयास किया जा रहा है।
चालू की गईं आटा मिलें
प्रमुख सचिव ने बताया कि एमएसएमई विभाग द्वारा संयुक्त आयुक्त, उद्योग, लखनऊ के नेतृत्व में एक कण्ट्रोल रूम जिसका नं- 9627932213 व 9415467934 है संचालित किया जा रहा है। ऐसा ही दूरभाष-0522-2202893 के माध्यम से प्रदेश में आवश्यक वस्तुएं बनाने वाली इकाइयों का उत्पादन चालू रखने तथा उनका कार्य सुचारू रूप से चलाये जाने के संबंध में जिला प्रबन्धक, उद्योग विभाग के माध्यम से जिलाधिकारी के नेतृत्व में प्रयास किये जा रहे हैं।
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डा सहगल ने बताया कि पिछले 2 दिनों में प्रदेश में सभी आटा मिलों को चालू रखने का प्रयास किया गया है। तथा अधिकतम आटा मिलें चालू हो गयी हैं। 180 आटा मिलों से सम्पर्क कर भी लिया गया है। इस संबंध में खाद्य विभाग से निरन्तर समन्वय कर इन आटा मिलों को गेहूँ इत्यादि उपलब्धता सुनिश्चित कराई जा रही है।