HJS के लिए न्यायिक अधिकरियों की 5 वर्ष सेवा अनिवार्यता नियम वैध करार, याचिका खारिज

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उ.प्र. उच्च न्यायिक सेवा नियमावली के नियम 5 बी को वैध करार दिया है। इस नियम के तहत न्यायिक अधिकारियों के लिए एच.जे.एस.परीक्षा में बैठने की पांच वर्ष की सेवा

Update: 2019-04-22 15:48 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उ.प्र. उच्च न्यायिक सेवा नियमावली के नियम 5 बी को वैध करार दिया है। इस नियम के तहत न्यायिक अधिकारियों के लिए एच.जे.एस.परीक्षा में बैठने की पांच वर्ष की सेवा अर्हता अनिवार्य किया गया है।

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याचिका में सभी न्यायिक सेवा के अधिकारियों को एचजेएस सीधी भर्ती में बैठने देने व नियम 5 बी को अवैधानिक घोषित करने की मांग की गयी थी। कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी है। यह आदेश न्यायमूर्ति पंकज मित्तल तथा न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की खण्डपीठ ने ऋचा उपाध्याय व अन्य की याचिका पर दिया है।

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याचीगण सिविल जज सीनियर डिवीजन पद पर कार्यरत है। वे एचजेएस परीक्षा में बैठना चाहते हैं। नियम के अवरोध के चलते उन्हें अवसर नहीं मिल पा रहा है। जिस पर नियम को समाप्त करने की याचिका दाखिल की गयी थी।

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