69000 शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाला मामला, समय के अभाव में नहीं हो सकी सुनवाई, अगली हीयरिंग 22 अगस्त को

69000 Teacher Recruitment: इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह 3.80% और एससी वर्ग को 21% की जगह मात्र 16.2% आरक्षण दिया गया है, जो पूरी तरह से गलत है और इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन किया गया है।

Update: 2023-08-03 15:26 GMT
69000 teacher recruitment reservation scam (Photo-Social Media)

69000 Teacher Recruitment: 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर हुए आरक्षण घोटाले को लेकर आज लखनऊ हाई कोर्ट की डबल बेंच में कोर्ट नंबर 3 में जस्टिस विवेक चौधरी एवं जस्टिस मनीष कुमार द्वारा समय अभाव के कारण सुनवाई नहीं हो सकी तथा अगली सुनवाई तिथि 22 अगस्त लगा दी गई है ।

अभ्यर्थियों ने SC के मुख्य न्यायाधीश डी.बाई. चंद्रचूड़ को भेजे मेल

वहीं दूसरी तरफ आज आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.बाई. चंद्रचूड़ को काफी अधिक संख्या में ईमेल भेजे है जिसमें स्पष्ट तौर पर लिखा है कि हाईकोर्ट के जस्टिस द्वारा आरक्षण घोटाले के मामले पर हर बार उन्हे लंबी-लंबी तारीख दे दी जाती है तथा समय का अभाव बताकर सुनवाई तक नहीं की जाती जिसको लेकर आरक्षण पीडित अभ्यर्थी बहुत परेशान एवं दुखी है क्योंकि उन्हें पिछले 3 साल से लखनऊ हाई कोर्ट से न्याय नहीं मिल पा रहा है l

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को भेजे गए ईमेल में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में 19000 सीटों पर आरक्षण का घोटाला हुआ है। इस भर्ती में ओबीसी वर्ग को 27% की जगह 3.80% और एससी वर्ग को 21% की जगह मात्र 16.2% आरक्षण दिया गया है, जो पूरी तरह से गलत है और इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का घोर उल्लंघन किया गया है। इस आरक्षण घोटाले के सभी सबूत आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी हाईकोर्ट में जमा कर चुके हैं लेकिन इन सबके बावजूद भी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को हाईकोर्ट से न्याय नहीं मिल पा रहा है इसका मुख्य कारण हाईकोर्ट के जस्टिस द्वारा आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को आरक्षण घोटाले के केस में बार-बार लंबी तारीख का दिया जाना है ।

भेजे गए ईमेल में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ कहा गया है कि यह 69000 सहायक शिक्षक भर्ती, शिक्षामित्रों के समायोजन रद्द होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हो रही है। सर्वप्रथम शिक्षामित्रों का समायोजन इलाहाबाद डबल बेंच में आपने ही रद्द किया था। इलाहाबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच के समायोजन रद्द के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने मोहर लगाई थी। यह वही भर्ती है और अब आप सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश है तो ऐसी स्थिति में इस भर्ती में हुए 19000 सीटों पर आरक्षण घोटाले से पीड़ित अभ्यर्थियों की लखनऊ डबल बेंच में जल्द से जल्द इस मुद्दे पर सुनवाई हो। उन्हें न्याय मिल सके आप ऐसा आदेश चीफ जस्टिस इलाहाबाद को करें ।

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