Lucknow News: कनिष्ठ शोध अध्येतावृत्ति परीक्षा: देश में कुल 80 परीक्षार्थी पास, चार होनहार शोधार्थी लखनऊ विश्वविद्यालय से उत्तीर्ण
लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व विभाग के चार शोधार्थियों ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् की कनिष्ठ शोध अध्येतावृत्ति परीक्षा में सफलता प्राप्त की है।;
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Lucknow News: लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व विभाग के चार शोधार्थियों ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् की कनिष्ठ शोध अध्येतावृत्ति परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। यह शोध अध्येतावृत्ति इतिहास के क्षेत्र में मौलिक शोध हेतु प्रदान की जाती है। बता दें कि मार्च 2025 में आयोजित इस परीक्षा में पूरे देश में कुल 80 परीक्षार्थी उत्तीर्ण हुए, जिनमें से चार शोधार्थी लखनऊ विश्वविद्यालय से थे।
इस सफलता में प्रमुख नाम सृष्टि पाण्डेय का है, जिन्होंने विभाग से परास्नातक की पढ़ाई की। और वह वर्तमान में प्रो दुर्गेश कुमार श्रीवास्तव के निर्देशन में श्रमण परंपरा का उद्भव और विकास (आरम्भिक काल से 550 ई• तक) विषय पर शोध कर रही हैं। तो वहीं दूसरे शोधार्थी सुधीर चंद हैं, जो प्रो अर्चना मिश्रा के निर्देशन में द फॉर्मेशन ऑव स्टेट इन अर्ली इण्डिया विषय पर शोध कर रहे हैं। उनका यह शोध भारतीय प्राचीन राज्य संरचना के विकास पर केंद्रित है।
प्राचीन भारतीय राजनीति में धर्म का प्रभाव
इसी क्रम में तीसरे शोधार्थी विवेक कुमार मिश्र हैं। जो प्रो पीयूष भार्गव के निर्देशन में धर्म और राजनीति प्राचीन भारतीय राजनीति में धर्म और उसका प्रभाव (छठी शताब्दी ईसा पूर्व से छठी शताब्दी ईसवी तक) विषय पर शोध कर रहे हैं। उन्होंने यूजीसी नेट परीक्षा भी उत्तीर्ण की है और विभाग के परास्नातक विद्यार्थी रहे हैं। इसके अतिरिक्त विभाग की पूर्व परास्नातक विद्यार्थी रंजना गौतम ने भी इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की है। वे वर्तमान में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ईश्वर शरण महाविद्यालय में थेरीगाथा एक विश्लेषणात्मक अध्ययन' विषय पर शोध कार्य कर रही हैं।
अभिषेक कुमार विमल की ऐतिहासिक उपलब्धि, तीनों विकल्पों से JRF परीक्षा में सफलता
वहीं हाल ही में विभाग के शोधार्थी अभिषेक कुमार विमल ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की। उन्होंने दिसंबर 2023 में पुरातत्व' और दिसंबर 2024 में भारतीय संस्कृति से यूजीसी कनिष्ठ शोध अध्येतावृत्ति परीक्षा उत्तीर्ण की। और वह अब पुरातत्व से JRF प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद् की कनिष्ठ शोध अध्येतावृत्ति की परीक्षा भी उत्तीर्ण की है। वहीं वह विभाजन पूर्व के भारत के खरोष्ठी अभिलेखों में व्यक्तिवाचक एवं स्थानवाचक नाम एक अध्ययन विषय पर शोध कर रहे हैं।
अरिंदम चतुर्वेदी का अद्वितीय प्रदर्शन
विभाग के स्नातक विद्यार्थी अरिंदम चतुर्वेदी ने स्नातक के आठवें सेमेस्टर में ही यूजीसी कनिष्ठ शोध अध्येतावृत्ति की परीक्षा उत्तीर्ण की और इतिहास रचा है। प्रो प्रशान्त श्रीवास्तव ने बताया कि ये सभी छात्र उनके मार्गदर्शन में कार्य कर रहे हैं, साथ ही लखनऊ विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षकों से भी ऑनलाइन सुझाव प्राप्त करते रहते हैं।