सीएम योगी से मार्मिक अपील- 'मेरे शहर को बचा लीजिए, बचा लीजिए...

कोरोना वायरस का संक्रमण यूपी में भी तेजी से फैल रहा है। हर रोज कहीं न कहीं से इकठ्ठा 10 या उससे ज्यादा केस आ रहे हैं। ऐसे में सीएम योगी से अपील की गई है- 'मेरा आगरा संकट में है।

Update: 2020-04-26 11:56 GMT
सीएम योगी से मार्मिक अपील- 'मेरे शहर को बचा लीजिए, बचा लीजिए...

नई दिल्ली। कोरोना वायरस का संक्रमण यूपी में भी तेजी से फैल रहा है। हर रोज कहीं न कहीं से इकठ्ठा 10 या उससे ज्यादा केस आ रहे हैं। ऐसे में सीएम योगी से अपील की गई है- 'मेरा आगरा संकट में है। आगरा को बचाने के लिए कड़े निर्णय लेने की जरूरत है। आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि मेरे आगरा को बचा लीजिए, बचा लीजिए...ये लाइन महापौर नवीन जैन के उस निवेदन पत्र की है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 21 अप्रैल को उन्होंने लिखा था।

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महापौर नवीन जैन ने मार्मिक पत्र लिखा

महामारी से बुरी तरह से जूझ रही ताजनगरी में दूध-सब्जी समेत चिकित्सा सुविधाओं की मुश्किलों के कारण लोगों की परेशानी पर महापौर नवीन जैन ने यह मार्मिक पत्र लिखा।

साथ ही महापौर ने सीएम योगी और उपमुख्यमंत्री व आगरा जिला प्रभारी दिनेश शर्मा से स्पष्टरूप कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने में स्थानीय प्रशासन नाकाम साबित हुआ है।

आगे उन्होंने लिखा कि स्थानीय प्रशासन द्वारा हॉटस्पॉट क्षेत्र में बनाए गए क्वारंटीन सेंटरों में कई दिनों तक जांच नहीं हो पा रही है, ना ही वहां मरीजों के लिए भोजन एवं पानी का उचित प्रबंधन किया जा रहा है। सरकारी अस्पताल में कोरोना मरीजों को छोड़ अन्य मरीजों को नहीं देखा जा रहा है, स्थिति विस्फोटक हो चुकी है।

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मरीज गंभीर बीमारियों से ग्रस्त

इस पर महापौर का कहना है कि डायलिसिस, अन्य जांचें व समुचित इलाज ना मिलने से मरीज मर रहे हैं, जिसका उदाहरण सिकंदरा निवासी आरबीसी पुंडीर हैं। दवा न मिलने के कारण लोग परेशान हैं। निजी अस्पताल बंद है और जो मरीज गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है, उनका उपचार भी नहीं हो पा रहा है।

सीएम योगी से महापौर नवीन जैन ने कहा है कि डोर स्टेप डिलीवरी के प्रशासन के दावे खोखले निकले। अफसर कोई व्यवस्था नहीं बना सके। आगरा के सीएमओ जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं को नहीं संभाल पा रहे हैं।

वहीं वरिष्ठ अधिकारी अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। केवल 15-20 मिनट के लिए फोटोग्राफी कराने के उद्देश्य से बाहर निकलते हैं, जिससे रिकॉर्ड रखा जा सके। ऐसे अफसरों से सरकार की छवि धूमिल हो रही है।

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