AAP का योगी सरकार पर बड़ा आरोप, कहा- सरकारी भर्तियों के नाम पर हो रही लूट

आम आदमी पार्टी ने यूपी सरकार द्वारा नौजवानों व बेरोजगारों को गुमराह कर लूटे जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक यानी साढे़ तीन सालों में अब तक से 12 भर्तियां निकाली है लेकिन उन 12 भर्तियों में अभी तक कोई भी भर्ती क्लियर नहीं हुई है। पार्टी ने अपने छात्र संगठन छात्र युवा संघर्ष समिति सीवाईएसएस द्वारा आगामी 25 नवंबर को राजधानी लखनऊ में छात्रों और नौजवानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए एक महासम्मेलन करने का ऐलान किया है।

Update: 2020-11-05 15:42 GMT
AAP पार्टी ने योगी सरकार पर लगाया आरोप, सरकारी भर्तियों के नाम पर हो रही लूट

लखनऊ। आम आदमी पार्टी ने यूपी सरकार द्वारा नौजवानों व बेरोजगारों को गुमराह कर लूटे जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि वर्ष 2017 से लेकर अब तक यानी साढे़ तीन सालों में अब तक से 12 भर्तियां निकाली है लेकिन उन 12 भर्तियों में अभी तक कोई भी भर्ती क्लियर नहीं हुई है। पार्टी ने अपने छात्र संगठन छात्र युवा संघर्ष समिति सीवाईएसएस द्वारा आगामी 25 नवंबर को राजधानी लखनऊ में छात्रों और नौजवानों के मुद्दों पर विचार करने के लिए एक महासम्मेलन करने का ऐलान किया है। पार्टी का कहना है कि इस सम्मेलन में योगी सरकार के नौजवानों को ठगने के काम का जवाब देते हुए उसकी जवाबदेही तय की जायेगी।

यूपी सरकार द्वारा नौजवानों व बेरोजगारों को गुमराह किया जा रहा

पार्टी के छात्र संगठन छात्र युवा संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष वंशराज दुबे ने गुरुवार को कहा कि यूपी सरकार द्वारा नौजवानों व बेरोजगारों को गुमराह किया जा रहा है। प्रदेश सरकार की ओर से बीती 21 सितंबर को एक ट्वीट जारी कर बताया गया कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 16708 भर्तियां की गई है। जबकि सच्चाई यह है कि योगी सरकार ने 2017 से लेकर अब तक यानी साढे़ तीन सालों में अब तक 12 भर्तियां निकाली है। उन 12 भर्तियों में अभी तक कोई भर्ती क्लियर नहीं हुई है।

भर्तियों में हुई भ्रष्टाचार

दुबे ने भर्तियों में हुई भ्रष्टाचार के आंकड़े पेश करते हुए कहा कि योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में 2017 से लेकर 2020 तक भर्ती निकाली गई कुल 12 भर्तियों में कुल 11022 पद थे। जिसके सापेक्ष 51 लाख फॉर्म भरे गए। अभ्यार्थियों द्वारा फॉर्म भरने से लेकर परीक्षा देने तक का खर्चा प्रति नौजवान अगर 2000 रुपये जोड़ा जाए तो करीब 10 अरब 20 करोड़ रुपये होते हैं और एक भी नियुक्ति नहीं हुई। उन्होंने कहा कि योगी सरकार ने इतना पैसा लूटा है कि इस पैसे से 11000 लोग जिंदगी भर बैठ कर खा सकते हैं।

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2018 में 2953 पदों के लिए भर्तियां निकली गई

आगे उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में ग्राम विकास अधिकारी के 2953 पदों के लिए भर्तियां निकली गई थी। लगभग 14 लाख अभ्यर्थियों ने इसका फॉर्म भरा। 9-10 लाख बच्चों ने इसकी परीक्षाएं दी, 185 रुपये प्रति छात्र फीस भी भरी लेकिन चयनित होकर भी छात्र दर-दर भटक रहेे है और सोशल मीडिया व अन्य तरीकों से गुहार लगा रहे हैं। इसी तरह पुलिस विभाग में दो भर्ती आई थी कुल 91 हजार भर्तियां थे। जिसमें 48 लाख नौजवानों ने फॉर्म के साथ ही करीब एक अरब 92 करोड़ रुपये फीस भी भरी।

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वर्ष 2019 में जेल वार्डन के लिए 5805 भर्तियों के लिए करीब 06 लाख फॉर्म भरे गए और 400 रुपये प्रति छात्र फीस के हिसाब से करीब 24 करोड़ रुपये सरकार के खाते में गए और आज तक वो भर्ती सफल नहीं हुई। उन्होंने कहा कि अभिभावक आखिर इस मुद्दे पर चुप क्यों बैठे है? उन्होंने सरकार से आज तक एक भी सवाल क्यों नहीं किया? यूपी के नौजवानों के कंधे पर बैठकर योगी आदित्यनाथ सत्ता के शिखर पर पहुंचे हुए हैं लेकिन आज उनकी सरकार नौजवानों को ठगने का काम कर रही है। फॉर्म भरने के नाम पर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

मनीष श्रीवास्तव

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