23 नवंबर को है ABVP की छात्र हुंकार रैली, 22 साल बाद होगा बड़ा आयोजन

Update:2016-11-14 19:38 IST

लखनऊ: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) आगामी 23 नवंबर को सिटी के काल्विन तालुकेदार ग्राउंड में छात्र हुंकार रैली का आयोजन कर रहा है। इस रैली को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। इसके लिए एबीवीपी के कार्यकर्ता प्रदेश में जगह-जगह जनजागरण यात्रा निकाल रहे हैं।

रैली के माध्यम से विद्यार्थी परिषद विधानसभा चुनाव के लिए भी अपनी ताकत का एहसास कराने की फिराक में है। करीब 22 साल बाद इस स्‍तर का एक बड़ा कार्यक्रम होने जा रहा है। इससे पहले 1994 में ऐसी रैली का आयोजन किया गया था।

एक लाख कार्यकर्ताओं के जुटने की उम्‍मीद

-एबीवीपी के सत्‍यभान सिंह ने बताया कि छात्र हुंकार रैली में प्रदेश भर के एक लाख कार्यकर्ताओं को जुटाने की योजना है।

-एबीवीपी 1994 के 22 साल बाद इस तरह का बड़ा आयोजन कर रहा है।

-वर्ष 1994 में इस तरह की रैली में करीब 64 हजार छात्रों ने भाग लिया था।

पद यात्रा और बाइक रैली से कर रहे स्‍टूडेंटस का आवाहन

-एबीवीपी के रीजनल आर्गेनाइजेशनल सेक्रेटरी धर्मपाल सिंह की मानें तो 23 नवंबर को एक लाख से ज्‍यादा छात्र राजधानी में इस रैली में भाग लेंगे।

-इसके लिए लोगों से संपर्क किया जा रहा है।

-पदयात्रा और बाइक रैली के माध्‍यम से जागरूक किया जा रहा है।

-नुक्कड़ सभा और महाविद्यालयों में जाकर प्रचार के माध्यम से लोगों को जोड़ा जा रहा है।

रथ के जरिए भी प्रचार

-इसी के तहत प्रचार रथ के माध्यम से भी रैली का प्रचार किया जा रहा है।

-रथ में विशेष रूप से रैली के लिए बनाया गया गीत लगातार बजाया जा रहा है।

-धर्मपाल सिंह ने कहा, हमारा प्रयास रहेगा कि रैली में ज्यादा से ज्यादा छात्र शामिल हों और समस्याओं के खिलाफ आवाज उठाएं।

सपा सरकार ने नहीं दिया ध्यान

-धर्मपाल सिंह की मानें तो एबीवीपी अच्छी शिक्षा व्यवस्था के लिए हमेशा संघर्ष करता रहा है।

-सपा सरकार में शिक्षा व्‍यवस्‍था में सुधार के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

-सपा सरकार के जिम्‍मेदारों को कई बार आंदोलनों और ज्ञापनों के जरिए शिक्षा और शिक्षण संस्थाओं की सेहत सुधारने की चेतावनी भी दी।

-लेकिन इस सरकार ने उस पर कुछ भी नहीं किया।

इन मांगों को लेकर हो रही है रैली

-एबीवीपी के सत्‍यभान सिंह ने बताया कि हमारी मांग है कि सभी एजुकेशनल इंस्‍टीटयूशंस में 180 दिन पढ़ाई हो।

-एके‍डमिक सेशंस नियमित हों।

-छात्रसंघ के चुनावों को समय से करवाया जाए।

-शिक्षकों के रिक्‍त पदों पर समय से और निष्‍पक्ष तरीके से चयन हो।

-इंटरमीडिएट तक मुफ्त शिक्षा पाने का अधिकार हो।

-एससी, एसटी और ओबीसी की स्‍कालरशिप बढ़ाई जाए।

-यूनिवर्सिटीज और डिग्री कॉलेजों में एक्टिव वूमेन सेल की स्‍थापना हो।

-इसके अलावा अन्‍य छात्र हित के मुददों को इस रैली में उठाया जाएगा।

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