मेरठ में देह व्यापार पर अपर मुख्य सचिव गृह सें कार्रवाई रिपोर्ट तलब

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपर मुख्य सचिव गृह उ.प्र. को मेरठ में देह व्यापार पर रोक लगाने की मांग में दाखिल याचिका पर कार्यवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।

Update: 2019-05-14 16:42 GMT

प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपर मुख्य सचिव गृह उ.प्र. को मेरठ में देह व्यापार पर रोक लगाने की मांग में दाखिल याचिका पर कार्यवाई रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वह जिलाधिकारी व एसएसपी मेरठ को इस आशय का निर्देश जारी करे और जिलाधिकारी से कार्यवाही की जानकारी लेकर 29 मई को रिपोर्ट दाखिल करे।

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कोर्ट ने प्रयागराज के जिलाधिकारी को याची को मिल रही धमकी पर जरूरी हो तो सुरक्षा उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया है और कहा है कि जनहित याचिका यदि याची वापस लेना चाहेगा तो भी वह वापस नहीं की जायेगी। याची का कहना था कि याचिका वापस लेने के लिए उस पर दबाव डाला जा रहा है।

यह आदेश मुख्य न्यायाधीश गोविन्द माथुर तथा न्यायमूर्ति एस.एस.शमशेरी की खण्डपीठ ने अधिवक्ता सुनील चैधरी की जनहित याचिका पर दिया है। याची का कहना है कि प्रशसन ने देह व्यापार में लिप्त 75 कोठों का पता लगाया है। इसके बावजूद इस पर ठोस कार्यवाही नहीं की जा रही है जो कि युवा पीढ़ी एवं परिवार व्यवस्था को नुकसान पहुंचा रही है।

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ऐसे स्थल अपराध का केन्द्र बनते जा रहे हैं। हत्याएं तक हो चुकी हैं। कोर्ट ने अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम के तहत डीएम व एसएसपी को कार्यवाई करने का निर्देश दिया है और अपर मुख्य सचिव गृह से आपत्तियों सहित कार्यवाई रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। याचिका की सुनवाई 29 मई को होगी।

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