अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता की दोषसिद्धि और सजा के आदेशों पर लगी अंतरिम रोक
सुनवायी के बाद आदेश पारित करते हुए कोर्ट ने मामले पर विचार की आवश्यकता पाते हुए, एकल पीठ के 25 मार्च और 26 मार्च के आदेशों के क्रियांवयन पर रोक लगा दी।
लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपर मुख्य सचिव, सचिवालय प्रशासन महेश कुमार गुप्ता को अवमानना करने के मामले में दोषसिद्ध किये जाने और एक दिन की सजा के खिलाफ एकल पीठ के आदेशों पर अंतरिम रोक लगा दी है। कोर्ट ने एकल पीठ से मामले की मूल पत्रावली तलब करते हुए अगली सुनवाई के लिये 15 अप्रैल की तिथि नियत की है।
एकल पीठ के आदेश के खिलाफ गुप्ता ने दायर की थी अपील
यह आदेश जस्टिस अजय लाम्बा और जस्टिस सी0डी0 सिंह की बेंच ने गुप्ता की ओर से एकल पीठ के खिलाफ दाखिल अवमानना अपील पर शुक्रवार को पारित किया। अपील में एकल पीठ के 25 मार्च 2019 व 26 मार्च 2019 के आदेशों को चुनौती दी गई थी।
ये भी पढ़ें— कांग्रेस के मैनिफेस्टो में देशद्रोह कानून खत्म करने के मामले में परिवाद दाखिल, 16 को होगी सुनवाई
उल्लेखनीय है कि 25 मार्च के आदेश में एकल पीठ ने गुप्ता को अदालत के आदेश की अवमानना का दोषी करार दिया था व 26 मार्च के आदेश में उन्हें कोर्ट के उठने तक न्यायिक हिरासत में रहने व 25 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई थी।
गुप्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. लालता प्रसाद मिश्रा ने दलील दी थी कि दोषी करार दिये जाने और सजा दिये जाने से पूर्व अपीलार्थी गुप्ता पर ना तो आरोप तय किये गए और ना ही आरोपों को पढकर उन्हें सुनाया गया। मिश्रा ने कोर्ट केा बताया कि अभी जुर्माने की रकम जमा नहीं की गई है।
ये भी पढ़ें— ऑल इंडिया माइनारिटी फोरम फॉर डेमोक्रेसी ने राजनाथ सिंह को दिया समर्थन
सुनवायी के बाद आदेश पारित करते हुए कोर्ट ने मामले पर विचार की आवश्यकता पाते हुए, एकल पीठ के 25 मार्च और 26 मार्च के आदेशों के क्रियांवयन पर रोक लगा दी।