Barabanki News: ADG ने कोतवाली का किया निरीक्षण, अव्यवस्थाओं को देख लगाई फटकार, पुलिसकर्मी खोल नहीं पाए हथियार
Barabanki News: बाराबंकी जिले के सबसे वीआईपी नगर कोतवाली का एडीजी लखनऊ जोन बृजभूषण ने निरीक्षण किया। उन्होंने कोतवाली में मौजूद अव्यवस्थाओं को लेकर जमकर फटकार लगाई।
Barabanki News: बाराबंकी जिले के सबसे वीआईपी नगर कोतवाली का एडीजी लखनऊ जोन बृजभूषण (ADG Lucknow Zone Brij Bhushan) ने निरीक्षण किया। एडीजी के निरीक्षण की जानकारी होते ही कोतवाली के अंदर मौजूद सारी खामियों को सुबह से ही दूर करने का प्रयास जारी हो गया था। इसी दौरान एडीजी बृजभूषण यहां पहुंचे और कोतवाली का निरीक्षण (Kotwali's inspection) किया।
...तो बाहर कौन काम करेगा?
इस दौरान उन्होंने अभिलेखों के रख रखाव और विवेचना के प्रगति की समीक्षा की और जनशिकायस्तों के निस्तारण की प्रक्रिया को भी देखा। इसके बाद उन्होंने असलहों का रखरखाव देखने के दौरान एक पुलिसकर्मी से हथियार (इंसास) को खोलकर दिखाने को कहा। पुलिसकर्मी काफी देर तक इंसास राइफल खोलता रहा लेकिन वह राइफल को खोल नहीं पाया। एडीजी ने कोतवाली में मौजूद अव्यवस्थाओं को लेकर जमकर फटकार लगाई और कहा कि अपनी लाइफ का पहला थाना देख रहा हूं। जहां इतना स्टाफ थाने के अंदर ही काम पर लगाया गया है, तो बाहर कौन काम करेगा।
असलहों के रखरखाव का भी किया निरीक्षण
अपर पुलिस महानिदेशक बृजभूषण ने बुधवार को शहर कोतवाली पहुंचे यहां पहुंच कर उन्होंने कोतवाली का निरीक्षण किया और पुलिसिंग को परखा। एडीजी ने सबसे पहले कोतवाली की साफ सफाई का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने अभिलेखों के रख रखाव और विवेचना के प्रगति की समीक्षा की और जन शिकायस्तों के निस्तारण की प्रक्रिया को देखा। निरीक्षण के दौरान एडीजी कोतवाली में मौजूद असलहों के रखरखाव को देखने पहुंचे। इस दौरान उन्होंने एक पुलिसकर्मी से इंसास राइफल को खोलने को कहा तो सभी चौंक गये।
पुलिसकर्मी इंसास राइफल नहीं खोल पाया
आपको बता दें कि एडीजी ने जिस पुलिसकर्मी से इंसास राइफल खोलने को कहा वह भौचक्का हो गया, और वह पुलिसकर्मी काफी देर तक हथियार नहीं खोल सका। इसके बाद एडीजी बृजभूषण ने अन्य पुलिसकर्मियों से भी हथियार खोलने को कहा, हद तो तब हो गई जब कोई भी पुलिसकर्मी हथियार नहीं खोल पाया। एडीजी ने कोतवाली में मौजूद अव्यवस्थाओं को लेकर जमकर फटकार लगाई और कहा की अपनी लाइफ का पहला थाना देख रहा हूं। जहां इतना स्टाफ थाने के अंदर ही काम पर लगाया गया है, तो बाहर कौन काम करेगा।