आजम खान को झटका, योगी सरकार ने जौहर यूनिवर्सिटी की 70 हेक्टेयर जमीन छीनी

कोर्ट ने एसडीएम सदर को आदेश दिया है कि जौहर ट्रस्ट की साढ़े बारह एकड़ जमीन को छोड़कर 70.005 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार को निहित कराई जाए। इस आदेश के बाद अब जौहर यूनिवर्सिटी की साढ़े बारह एक जमीन को छोड़कर बाकी जमीन प्रदेश सरकार के नाम दर्ज कराई जाएगी।

Update: 2021-01-17 02:50 GMT
जौहर ट्रस्ट की संपत्ति विवाद मामले में एडीएम कोर्ट ने शनिवार को जौहर यूनिवर्सिटी की 70.005 हेक्टेयर जमीन को प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

लखनऊ: सपा सांसद आजम खान को जौहर यूनिवर्सिटी मामले में कोर्ट ने करारा झटका दिया है। जौहर ट्रस्ट की संपत्ति विवाद मामले में एडीएम कोर्ट ने शनिवार को जौहर यूनिवर्सिटी की 70.005 हेक्टेयर जमीन को प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने के आदेश दिए हैं।

बता दें कि इस मामले में कोर्ट की तरफ से फैसले के लिए शुक्रवार का दिन निर्धारित किया था, लेकिन आदेश जारी नहीं हो पाया। इसके सके बाद शनिवार को इस मामले में फैसला सुनाया गया है।

प्रदेश सरकार के नाम दर्ज कराई जाएगी जमीन

कोर्ट ने एसडीएम सदर को आदेश दिया है कि जौहर ट्रस्ट की साढ़े बारह एकड़ जमीन को छोड़कर 70.005 हेक्टेयर जमीन राज्य सरकार को निहित कराई जाए। इस आदेश के बाद अब जौहर यूनिवर्सिटी की साढ़े बारह एक जमीन को छोड़कर बाकी जमीन प्रदेश सरकार के नाम दर्ज कराई जाएगी। यह जमीन अभी तक आजम खान की जौहर ट्रस्ट के नाम पर थी।

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गौरतलब है कि जौहर ट्रस्ट के नाम पर 2005 से लेकर अब तक करीब 75.0563 हेक्टेयर जमीन खरीदी गई थी। मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा सरकार ने जौहर ट्रस्ट द्वारा खरीदे जाने वाली जमीन पर स्टांप शुल्क की छूट दी थी। ट्रस्ट के नाम पर जिस 70.005 हेक्टेयर जमीन को खरीदा गया उसके लिए स्टांप शुल्क का भुगतान नहीं किया गया। कैबिनेट से जो प्रस्ताव पास हुआ था उसमें शर्त थी कि ट्रस्ट की ओर से लोकहित से जुड़े कार्य कराने होंगे और अल्पसंख्यक, गरीब बच्चों को निशुल्क शिक्षा देनी होगी।

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जमीन में शासन की शर्तों का उल्लंघन

करीब एक साल डीएम ने एसडीएम सदर को जौहर ट्रस्ट की इस जमीन की जांच करने का निर्देश दिया था। एसडीएम सदर ने जांच में पाया कि जौहर ट्रस्ट ने जौहर विवि के लिए खरीदी 70.005 हेक्टेयर जमीन में शासन की शर्तों का उल्लंघन किया है। इसके बाद एडीएम कोर्ट में वाद दायर कराया गया।

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जौहर ट्रस्ट के वकील ने दलील दी थी कि आरोप निराधार हैं, लेकिन डीजीसी रेवेन्यु ने एसडीएम की जांच को कोर्ट में सही बताया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद शनिवार को इस मामले में एडीएम कोर्ट ने फैसला सुनाया। इस फैसले में कोर्ट ने जौहर ट्रस्ट की 70.005 हेक्टेयर जमीन प्रदेश की सरकार में निहित करने का आदेश दिया गया है। कोर्ट ने एसडीएम सदर को आदेश के अनुपालन के लिए कहा है।

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