ADR Report: यूपी चुनाव में विजेता उम्मीदवारों में 51 प्रतिशत विधायक हैं दागी, भाजपा के 35 और सपा के 43 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ केस

UP Assembly Election: इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सभी 403 विजेता उम्मीदवारों के शपथपत्रों (Affidavits) का विशलेषण किया गया है। जिसमें 39 प्रतिशत के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसे गंभीर मामले दर्ज हैं।

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Published By :  Shashi kant gautam
Update: 2022-03-13 11:07 GMT

यूपी चुनाव ADR Report: Photo - Social Media

Lucknow: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा हो चुकी है। प्रचंड बहुमत हासिल करने के बाद भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने की तैयारी कर रही है। वहीं दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है। कांग्रेस पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का तो सुपड़ा ही साफ़ हो गया। इस बीच एडीआर (एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स) (ADR Report) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों (UP Assembly Election) में विजेता उम्मीदवारों को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है।

बता दें कि इस रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में सभी 403 विजेता उम्मीदवारों के शपथपत्रों (Affidavits) का विशलेषण किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार 403 में से 205 विजेता यानी 51 प्रतिशत उम्मीदवारों के ऊपर आपराधिक मामले (criminal cases) दर्ज हैं। वहीं 2017 में 402 में से 143 यानी 36 प्रतिशत विधायकों के ऊपर आपराधिक मामले दर्ज थे।

गंभीर और आपराधिक मामले

वहीं अगर गंभीर आपराधिक मामलों की बात की जाए, जैसे हत्या, हत्या का प्रयास, अपहरण तो 2022 में 158 यानी 39 प्रतिशत विजेता उम्मीदवारों के ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं। जबकि साल 2017 में 402 में से 107 यानी 26 प्रतिशत विधायकों के ऊपर गंभीर मामले दर्ज थे।

पांच विजेता उम्मीदवारों के ऊपर हत्या के गंभीर मामले

वहीं 5 विजेता उम्मीदवारों के ऊपर हत्या से संबंधित मामले दर्ज हैं। वहीं 29 विजेता उम्मीदवारों के खिलाफ हत्या के प्रयास का मामला दर्ज है। अगर महिला के ऊपर अत्याचार के मामलों की बात की जाए तो 6 विजेता उम्मीदवारों के ऊपर ऐसे अपराध दर्ज हैं। जबकि 1 विजेता उम्मीदवार के ऊपर बलात्कार से संबंधित मामला दर्ज है। अगर घोषित आपराधिक मामलों की बात पार्टी के अनुसार की जाए तो बीजेपी के 255 में से 111 यानी 44 प्रतिशत नए विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party)

पिछड़ों और दलितों के हक़ की बात करने वाली समाजवादी पार्टी की बात करें तो 111 में से 71 यानी 64 प्रतिशत विजेता उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। वहीं आरएलडी के 8 में से 7 उम्मीदवारों, सुभासपा के 6 में से 4, निषाद पार्टी के 6 में से 4, अपना दल के 12 में से 3, जनता दल लोकतांत्रिक के दोनों, कांग्रेस के दोनों और बीएसपी के एक उम्मीदवार के खिलाफ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

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बीजेपी (Bhartiya Janata Party)

गंभीर आपराधिक मामलों को देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janata Party) के 255 में से 90 यानी 35 प्रतिशत विजेता उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक केस दर्ज हैं। वहीं समाजवादी पार्टी के 111 में से 48 यानी 43 प्रतिशत नए विधायकों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। जबकि आरएलडी के 8 में से 5, सुभासपा के 6 में से 4, निषाद पार्टी के 6 में से चार, अपना दल के 12 में से 2, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो, कांग्रेस के दो और बीएसपी के दो विजेता उम्मीदवारों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं।

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