Agra News: Jalma Institute के शौचालय में मिला 5 फुट का अजगर, कर्मचारियों के उड़े होश

Agra News: जिले में स्थित जालमा इंस्टीट्यूट फॉर लेप्रोसी एंड अदर माइकोबैक्टीरियल डिजीज की एक प्रयोगशाला के शौचालय में 5 फुट लंबे अजगर को देखकर कर्मचारियों के होश उड़ गए। परिसर में हड़कंप मच गया।

Report :  Arpana Singh
Update:2023-11-22 16:31 IST

आगरा में जालमा इंस्टीट्यूट में मिला अजगर (न्यूजट्रैक)

Agra News: जिले में स्थित जालमा इंस्टीट्यूट फॉर लेप्रोसी एंड अदर माइकोबैक्टीरियल डिजीज की एक प्रयोगशाला के शौचालय में 5 फुट लंबे अजगर को देखकर कर्मचारियों के होश उड़ गए। परिसर में हड़कंप मच गया। शौचालय का दरवाजा बंद कर दिया गया। तत्काल सूचना वाइल्डलाइफ एसओएस टीम को दी गई। जानकारी मिलते ही एनजीओ की दो सदस्यीय रेस्क्यू टीम मौके पर पहुंची। टीम ने तेजी दिखाते हुए अजगर को सुरक्षित रेस्क्यू किया। अजगर को शौचालय से सुरक्षित निकालने के बाद उसे कंटेनर में स्थानांतरित किया गया। प्रारंभिक चिकित्सा जांच के बाद अजगर को उसके प्राकृतिक आवास में वापस छोड़ दिया गया। अजगर के पकड़े जाने के बाद अस्पताल के कर्मचारियों ने राहत की सांस ली।

वाइल्डलाइफ से जुड़े जानवर देख घबराएं नहीं

सांप-अजगर समेत वाइल्डलाइफ से जुड़े जानवर देखने के बाद घबराने की जरूरत नहीं है। जानवर के पास जाने की आवश्यकता नहीं है। बस तुरंत आपातकालीन हेल्पलाइन ($91 9917109666) पर वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस को सूचना दें। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस की टीम को रेस्क्यू ऑपरेशन का कुषल प्रषिक्षण दिया गया है।

गैर विषैली सांप की प्रजाति है इंडियन रॉक पायथन (अजगर)

इंडियन रॉक पायथन (अजगर) एक गैर विषैली सांप की प्रजाति है। वे मुख्य रूप से छोटे जानवर, चमगादड़, पक्षियों, छछूंदर, हिरण और जंगली सूअर को अपना आहार बनाते हैं । आमतौर पर इस तरह के अजगर भारत, पाकिस्तान, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और श्रीलंका के जंगलों में पाए जाते हैं। इस प्रजाति को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची प्रथम के तहत संरक्षित किया गया है।

वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के सह-संस्थापक और सी.ई.ओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा कि “जालमा इंस्टीट्यूट से यह सफल बचाव अभियान वन्यजीवों की सुरक्षा के प्रति हमारे समर्पण का एक और प्रमाण है। टीम ऐसे परिदृश्यों को संभालने के लिए अच्छी तरह से प्रशिक्षित है। इंसान और वन्यजीव दोनों की भलाई के लिए टीम द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई इसके महत्व पर प्रकाश डालती है। वाइल्डलाइफ एस.ओ.एस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स, बैजूराज एम.वी. ने कहा कि “जालमा अस्पताल के एक संरक्षित वन के निकट होने के कारण वहाँ इस तरह के दृश्य दिखाई देते रहते हैं।

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