Air Pollution In Lucknow: लखनऊ में प्रदूषण फैला रहे उद्योगों पर सख्ती, 31 फैक्ट्रियों को नोटिस

Air Pollution In Lucknow: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों की आबोहवा काफी बिगड़ चुकी है। राजधानी में ऐसे 31 उद्योगों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस थमाया गया है।

Update:2022-11-08 12:24 IST

लखनऊ में प्रदूषण फैला रहे उद्योगों पर सख्ती, 31 फैक्ट्रियों को नोटिस: Photo- Social Media

Air Pollution In Lucknow: उत्तर भारत के अधिकांश बड़े शहर इन दिनों वायु प्रदूषण (Air Pollution) से जूझ रहे हैं। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई शहरों की आबोहवा काफी बिगड़ चुकी है। दिल्ली से सटे नोएडा और गाजियाबाद की हालत तो और भी बदतर है। ऐसे में प्रदेश सरकार ने उद्योगों पर नकेल कसना शुरू कर दिया है, जो सबसे अधिक प्रदूषण फैलाते हैं। राजधानी में ऐसे 31 उद्योगों को चिन्हित कर उन्हें नोटिस (notice to 31 factories) थमाया गया है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने निरीक्षण के दौरान इन फैक्ट्रियों को मानकों के अनुरूप नहीं पाया था।

इससे पहले भी शहर में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) (Air Quality Index of Lucknow) का स्तर बढ़ने के बाद तालकटोरा समेत अन्य इलाकों में स्थित कुछ उद्योगों के संचालन पर रोक लगा दी गई थी। जिसके सुखद परिणाम सामने आए और वायु प्रदूषण के स्तर में सुधार दर्ज हुआ था। मिली जानकारी के मुताबिक, पिछले दिनों राज्य प्रदूषण बोर्ड ने लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों में संचालित उद्योगों का मुआयना किया था।

प्रदूषण बोर्ड ने फैक्ट्रियों की सूची बनाई

इस दौरान कुछ फैक्ट्रियों में प्रदूषण नियंत्रण के पर्याप्त इंतजाम नहीं पाए गए थे। प्रदूषण बोर्ड ने ऐसी फैक्ट्रियों की एक सूची बनाई है। जिसमें से 31 उद्योगों को नोटिस जारी किया गया है। उनपर निर्धारित मानकों का उल्लंघन करने और वातारवरण को प्रदूषित करने का आरोप लगाया है। इसी तरह पश्चिमी यूपी के मुजफ्फरनगर जिले में भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 187 उद्योगों को नोटिस थमाया है।

तीन फैक्ट्रियों को किया गया सील

बताया जा रहा है कि इसके बाद अभियान चलाकर वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के आदेश पर ऐसे उद्योगों को बंद किया जाएगा, जो मानकों के अनुरूप संचालित नहीं होंगे। अभी तक विभाग की तरफ से तीन फैक्ट्रियों को सील किया जा चुका है। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक, अगर किसी उद्योग में ईंधन के रूप में सीएनजी, पीएनजी, एलपीजी, कोयला आधारित टरबाईन और बायोमास इत्यादि का प्रयोग होता है, उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। वहीं, जो उद्योग ईंधन के रूप मे साधारण कोयला या लकड़ी का इस्तेमाल करते हुए पाए जाएंगे, उनकी खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि राज्य सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों पर भी सख्ती बरतनी शुरू कर दी है। कई जिलों में किसानों पर जुर्माना लगाया गया है।

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