अखिलेश यादव बोले- कृषि बिल नहीं भाजपा ने अपना पतन-पत्र पास कराया
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि विधेयकों को किसान विरोधी करार देते हुए समाजवादी पार्टी ने राज्य सभा में विेधयक पारित कराए जाने की निंदा की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी सरकार के कृषि बिल पास कराए जाने को भाजपा का पत-पत्र बताया है।
लखनऊ: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के कृषि विधेयकों को किसान विरोधी करार देते हुए समाजवादी पार्टी ने राज्य सभा में विेधयक पारित कराए जाने की निंदा की है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मोदी सरकार के कृषि बिल पास कराए जाने को भाजपा का पत-पत्र बताया है।
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राज्य सभा में केंद्र सरकार के दो बिल रविवार को पारित हुए
राज्य सभा में केंद्र सरकार के दो बिल रविवार को पारित हुए। इससे नाराज समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में इसे भाजपा की मोदी सरकार का पतन-पत्र करार दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी टिप्पणी में कहा कि भाजपा ने कृषि बिल पारित कराने के लिए ध्वनि मत की आड में राज्य सभा में किसानों व विपक्ष की आवाज का गला दबाया है व अपने कुछ चुनिंदा पूंजीपतियों व धन्नासेठों के लिए भारत की दो तिहाई जनसंख्या को धोखा दिया है। लोकतांत्रिक कपट कर भाजपा ने कृषि बिल नहीं, अपना पतन-पत्र पारित कराया है।
समाजवादी पार्टी ने राज्य सभा में भी किसान बिलों का खुला विरोध किया
रविवार को राज्य सभा में कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य ( संवर्धन और सरलीकनरण विधेयक 2020 व कृषक ( सशक्तिकरण व संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित होने पर भाजपा नेताओं ने जहां स्वागत किया है वहीं कांग्रेस समेत समाजवादी पार्टी व अन्य राजनीतिक दलों ने खुला विरोध किया है। समाजवादी पार्टी ने राज्य सभा में भी किसान बिलों का खुला विरोध किया। सपा संसदीय दल के नेता प्रो रामगोपाल यादव ने सदन में आरोप लगाया कि सरकार इतने महत्वपूर्ण मामले में भी जनमत का ध्यान नहीं रख रही है। इस बिल को लाने से पहले सरकार ने देश के किसानों व अन्य संगठनों को भरोसे में लेने की कोशिश भी नहीं की। कोरोना की आड में किसानों के साथ छल किया गया।
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सरकार आज कह रही है कि देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 14 प्रतिशत है
उन्होंने सवाल उठाया कि सरकार आज कह रही है कि देश की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 14 प्रतिशत है तो वह यह भी बताए कि जब देश आजाद हुआ था तो इस क्षेत्र का योगदान 50 प्रतिशत था आज इतना कम कैसे हो गया। जब 2014 में एनडीए सरकार बनी तो भी जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 18 प्रतिशत था। इनकी सरकार में भी यह क्यों कम हुआ। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर पर हमलावर होते हुए कहा कि यह बिल कोई किसान का बेटा नहीं बना सकता। किसान के हितों के खिलाफ ऐसा बिल कैसे बन गया। यह सोचने की बात है।
अखिलेश तिवारी
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